इस बार 2 लाख 43 हजार 359 हेक्टेयर क्षेत्र में होगी खरीफ फसल की बुआई

इस बार 2 लाख 43 हजार 359 हेक्टेयर क्षेत्र में होगी खरीफ फसल की बुआई
  • 2 लाख 4 हजार 359 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ मौसम में फसलों की रोपाई
  • 90 प्रतिशत से अधिक किसान खरीफ मौसम में केवल धान की रोपाई करते

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. गोंदिया जिले में कृषि विभाग ने इस वर्ष खरीफ मौसम के लिए फसलों का जो नियोजन प्रस्तावित किया है, उसके अनुसार 2 लाख 4 हजार 359 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ मौसम में फसलों की रोपाई की जाएगी। गोंदिया जिला धान उत्पादक जिला माना जाता है। जिसके चलते 90 प्रतिशत से अधिक किसान खरीफ मौसम में केवल धान की रोपाई करते है। कुछ मात्रा में अन्य फसले भी लगाई जाती है। वर्ष 2023-24 के खरीफ मौसम के नियोजन के अनुसार इस बार जिले में 1 लाख 92 हजार 625 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल लगाई जाएगी, 6158.54 हेक्टेयर क्षेत्र में तुअर, 975.41 हेक्टेयर क्षेत्र में तील, 2500 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जियां, 900 हेक्टेयर में गन्ना तथा 1200 हेक्टेयर में अन्य फसले लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अब किसान बारिश के इंतजार में है। दमदार बारिश होते ही खरीफ की तैयारियां कर चुके जिले के किसान फसलों के बुआई में लग जाएंगे। वर्ष 2022-23 के खरीफ मौसम में जिले के किसानों ने निर्धारित लक्ष्य से अधिक क्षेत्र में फसलंे लगाई थी। धान की फसल के लिए 1 लाख 81 हजार 77 हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य रखा गया था, जबकि प्रत्यक्ष में 1 लाख 94 हजार 342 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल लगाई गई ।

4 लाख 57 हजार 870 मैट्रिक टन धान का उत्पादन हुआ। तुअर के लिए 5745 हेक्टेयर क्षेत्र निर्धारित किया गया था एवं प्रत्यक्ष में 5598.67 हेक्टेयर क्षेत्र में तुअर लगाई गई एवं 4025 मैट्रिक टन उत्पादन हुआ। तिल के उत्पादन के लिए 941 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया था, जबकि प्रत्यक्ष में 886.74 हेक्टेयर में इसका उत्पादन लिया गया एवं 115 मैट्रिक टन उत्पादन हुआ।

सब्जियों के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया था, लेकिन 829.73 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जियां लगाई गई और 87 हजार 122 मैट्रिक टन उत्पादन हुआ। गन्ने की फसल के लिए 1322 हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जबकि प्रत्यक्ष में 717.7 हेक्टेयर क्षेत्र में ही गन्ना लगाया गया और इसका उत्पादन 32 हजार 296 मैट्रिक टन हुआ। अन्य फसलों के लिए 145 हेक्टेयर क्षेत्र का नियोजन किया गया था, जबकि प्रत्यक्ष में 513.36 हेक्टेयर क्षेत्र में फसले लगाई गई और 1283 मैट्रिक टन उत्पादन हुआ। इस तरह वर्ष 2022-23 में खरीप फसलों के लिए 1 लाख 89 हजार 230 हेक्टेयर क्षेत्र निर्धारित किया गया था, जबकि प्रत्यक्ष में 2 लाख 2 हजार 888 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीप फसले लगाई गई और 5 लाख 82 हजार 711 मैट्रिक टन उत्पादन हुआ। इस वर्ष कृषि विभाग ने फसलों का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है तथा बीजों, रासायनिक खाद तथा किटनाशक की उपलब्धता भी सुनिश्चित कर ली है। अब किसानों को केवल दमदार बारिश की प्रतिक्षा है, ताकि वे खरीप फसलों की बुआई शुरू कर सके।

फिलहाल बुआई के लिए इंतजार करें

हिंदुराव चव्हाण, जिला अधीक्षक, कृषि अधिकारी के मुताबिक जिले में पिछले दो दिनों से अच्छी बारिश आयी है, लेकिन धान की फसल की बुआई के लिए उसे पर्याप्त नहीं कहा जा सकता। किसानों से आग्रह है कि जब तक जिले में 100 मिमी औसतन बारिश न हो जाए, तब तक वे धान की बुआई न करें। फिलहाल इंतजार करना ही बेहतर है।


Created On :   25 Jun 2023 1:26 PM GMT

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