Gondia News: डेढ़ लाख को बोनस और 387 किसानों को बेचे गए धान के 3 करोड़ रुपए नहीं मिले

डेढ़ लाख को बोनस और 387 किसानों को बेचे गए धान के 3 करोड़ रुपए नहीं मिले
  • 122 किसानों का पीएफएमएस नहीं होने के कारण 98 लाख रुपए वापस आ गए
  • आधार व बैंक खाता क्रमांक में मिलान नहीं होने से निधि होने पर भी करना पड़ रहा इंतजार
  • शासन ने 2 हेक्टेयर की सीमा तक 20 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर बोनस देने की घोषणा दिसंबर में की थी

Gondia News राज्य सरकार ने धान उत्पादक किसानों को 2 हेक्टेयर की सीमा तक 20 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर बोनस दिए जाने की घोषणा दिसंबर माह में नागपुर के विधानसभा सत्र के दौरान की थी। लेकिन चार माह से अधिक का समय होने के बावजूद अब तक जिले के किसानों के खाते में बोनस की राशि जमा नहीं हुई है। जिसके चलते शासकीय धान खरीदी केंद्रों पर अपना पंजीयन करानेवाले डेढ़ लाख से अधिक किसान अभी भी बोनस की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इतना ही नहीं खरीफ मौसम में जिला मार्केटिंग फेडरेशन के शासकीय धान खरीदी केंद्रों पर अपने धान की बिक्री करनेवाले अधिकतर किसानों को उनके भुगतान की राशि मिल चुकी है।

अभी भी 387 किसानों के 3 करोड़ से अधिक रुपए का भुगतान अटका हुआ है, जिसका कारण किसानों के आधार व बैंक खाता क्रमांक में तालमेल नहीं पाया जाना बताया जा रहा है। जिसके कारण निधि उपलब्ध होने के बावजूद किसानों को अपने धान के भुगतान के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 114 किसानों ने खाता क्रमांक दिए जाने के बावजूद संस्थाओं ने संबंधित किसान के आधार क्रमांक नहीं लिए । जिसके कारण उनका भुगतान अटका हुआ है।

दूसरे किसानों के खातों में किया भुगतान : 39 किसानों का भुगतान तकनीकी गड़बड़ी के चलते दूसरे किसानों के खाते में जमा हो गया। इस तरह विभिन्न प्रकार की त्रुटियों के कारण किसानों के अभी भी 3 करोड़ रुपए का भुगतान अटका हुआ है। रबी मौसम के धान की शासकीय खरीदी के लिए धान खरीदी केंद्रों पर किसानों से ऑनलाइन पंजीयन कराने का आव्हान किया गया है। चूंकि पंजीकृत किसान ही शासकीय धान खरीदी केंद्रों पर अपने धान की बिक्री कर सकते हैं।

इसके लिए जिले में अब तक 3 हजार 965 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। जबकि पंजीयन की अंतिम तिथि 30 अप्रैल निर्धारित की गई है। ग्रीष्मकालीन रबी मौसम में जिले में 50 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में धान की फसल लगाई गई है। जिसे देखते हुए अब तक पंजीयन अत्यंत अल्प है। प्रशासन ने किसानों से जल्द से जल्द पंजीयन कराने का आव्हान किया है।


Created On :   26 April 2025 5:29 PM IST

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