गोंदिया: यूआईडी नंबर प्लेट लगाने के नाम पर हर घर से की जा रही है सौ रुपए की वसूली

यूआईडी नंबर प्लेट लगाने के नाम पर हर घर से की जा रही है सौ रुपए की वसूली
  • नगर परिषद में 45 हजार संपत्ति रजिस्टर्ड हैं, इतना बड़ा घोटाला खुलेआम हो रहा
  • म्युनिसिपल कार्पोरेशन के नाम से रसीद दी जा रही, जबकि गोंदिया में म्युनिसिपल कौंसिल है
  • नियमानुसार कार्रवाई की जाए

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. एक ओर नप कह रही है कि यूआईडी नंबर प्लेट लगाना जरूरी नहीं है, वहीं गोंदिया शहर में कुछ माह से कुछ लोग शहर में घूम-घूमकर आम नागरिकों के घरों पर यूआईडी नंबर प्लेट लगाने का कार्य कर रहे हैं और नागरिकों को बता रहे हैं कि यह कार्यवाही नगर परिषद कर रही है। इसके लिए हर घर से 100 रुपए शुल्क के रूप में लिया जा रहा है। बकायदा म्युनिसिपल कार्पोरेशन के नाम से रसीद भी नागरिकों को काटकर दी जा रही है। जबकि गोंदिया में म्युनिसिपल कार्पोरेशन है ही

नहीं, बल्कि म्युनिसिपल कौंसिल है।

लोगों को यह बताया जा रहा है कि यह नंबर प्लेट लगाने के बाद नगर परिषद के टैक्स से लेकर किसी भी प्रकार के दस्तावेज आप ऑनलाइन देख सकेंगे । यदि कोई व्यक्ति अपने घर पर यूआईडी नंबर प्लेट नहीं लगवाएगा तो उसे आगे चलकर 1 हजार रुपए दंड स्वरूप भरने पड़ेंगे। नगर परिषद गोंदिया के अंतर्गत लगभग 45 हजार संपत्ति रजिस्टर्ड है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी राशि वसूली जा रही है।

नियमानुसार कार्रवाई की जाए : मनसे के जिला उपाध्यक्ष मुकेशकुमार मिश्रा ने नप मुख्याधिकारी को पत्र देकर लोगों के घर पर यूआईडी नंबर प्लेट लगाने के नाम पर निजी संस्था द्वारा की जा रही वसूली पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि आम नागरिकों को भ्रमित कर राशि वसूल करने की प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए । इस मामले की गहराई से छानबीन कर संबंधितों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए।

पत्र की प्रति मुख्यमंत्री, नागपुर के विभागीय आयुक्त, गोंदिया के जिलाधिकारी , गोंदिया के विधायक विनोद अग्रवाल को भी दी है।कोई भी विभाग अब तक ऑनलाइन नहीं : वास्तविकता यह है कि नगर परिषद का कोई भी विभाग अब तक पूरी तरह ऑनलाइन हुआ ही नहीं है। जिसमें नगर परिषद के टैक्स विभाग का भी समावेश है। तो फिर आम नागरिकों को सेवा देने से पूर्व ही इस तरह की वसूली का क्या औचित्य है? यह समझ से परे है।

रोकने के लिए कहा जा रहा है

सुनील बल्लाल, मुख्याधिकारी के मुताबिक नगर परिषद ने निजी संस्था को इस संबंध में कुछ माह पूर्व स्वीकृति दी थी। लेकिन यह यूआईडी नंबर लगाना नागरिकों के लिए अनिवार्य नहीं है। इस संबंध में शिकायतें मिल रही है। जिसे देखते हुए संस्था को यह काम रोकने के लिए कहा जा रहा है।


Created On :   27 Jun 2024 6:14 PM IST

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