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घटिया निर्माण: शिकायत मिलने पर जेसीबी से गिरा दी निर्माणाधीन पानी की टंकी
- भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी जल जीवन मिशन योजना
- गिरा दी निर्माणाधीन पानी की टंकी
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. शासन ने जल जीवन मिशन योजना शुरू कर ग्रामों में जलापूर्ति के लिए पानी टंकी, पाइप लाइन व जलस्त्रोतो का निर्माण कार्य शुरू किया है। लेकिन यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। इसी तरह का एक मामला गोरेगांव तहसील के चिचगांव में सामने आया है। यहां पानी की टंकी का निर्माण पूरा होने के पूर्व ही जेसीबी से इसे ढहा दिया गया है। इस प्रकरण को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि जल जीवन मिशन योजना के निर्माण में कितना भ्रष्टाचार किया जा रहा हैं। मांग की जा रही है कि जहां-जहां पर जल जीवन मिशन योजना निर्माण के काम किए जा रहे ह, उन कामांे की वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से जांच कराई जाए। यहां बता दें कि जिला परिषद प्रशासन की ओर से गांेदिया जिले में करोड़ों रुपयों की निधि से जल जीवन मिशन योजना के माध्यम से जलापूर्ति के काम किए जा रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल मिल सके। लेकिन अधिकारियांे और ठेकेदारों की मिलीभगत तथा संबंधित विभाग के तकनीकी अधिकारियों की अनदेखी के कारण यह योजना भ्रष्टाचार की भंेट चढ़ रही हैं। गोरेगांव तहसील के चिचगांव ग्राम पंचायत की सीमा में लाखों रुपए की निधि से पानी टंकी निर्माण का काम चल रहा था। लेकिन काम घटिया दर्जे का होने से जिला परिषद प्रशासन से इस काम की शिकायत की गई थी। जिसकी जांच की गई तो निर्माण कार्य में तकनीकी गड़बड़ियां पाई गई और जिला परिषद प्रशासन ने इस निर्माण कार्य को ढहाने के आदेश दे दिए है। पानी टंकी निर्माण पूर्ण होने के पहले ही जेसीबी से ढहाया गया है। जल जीवन मिशन मंे किस तरह से भ्रष्टाचार हो रहा है। लेकिन चर्चा यह भी चल रही है कि जो लाखांे रूपए की निधि खर्च कर निर्माण कार्य किया गया और उसे ढहाया गया इसके लिए जिम्मेदार कौन?
शिकायत की गई थी, गहनता से जांच करें
जितेंद्र कटरे, जिप सदस्य के मुताबिक करोड़ों रुपए की निधि से जल जीवन मिशन योजना के तहत जलापूर्ति के निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, लेकिन चिचगांव ग्राम पंचायत की सीमा में जो निर्माण कार्य किया जा रहा था वह घटिया दर्जे का था। जिसकी शिकायत की गई थी। घटिया दर्जे का निर्माण कार्य होने के कारण ही पानी की टंकी का निर्माण कार्य पूरा होने के पहले ही जेसीबी से ढहा दिया गया है। इसी प्रकार अन्य स्थानों पर इस योजना के तहत निर्माण कार्य किए जा रहे है उनकी भी गहनता से जांच करने की आवश्यकता है। लाखों रुपए का जो नुकसान शासन को पहुंच रहा है, उसके लिए जिम्मेदार कोई और नहीं तो संबंधित विभाग के अधिकारी को ही माना जाना चाहिए।
Created On :   3 Oct 2023 6:17 PM IST