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जबर्दस्ती: मार्केटिंग फेडरेशन ने आदिवासी क्षेत्रों के धान खरीदी केंद्रों पर किया कब्जा!
- आदिवासी विकास महामंडल लगाए आरोप, जिलाधिकारी से की शिकायत
- शीघ्र निर्णय आने की उम्मीद
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। जिले में शासकीय धान खरीदी महाराष्ट्र मार्केटिंग फेडरेशन एवं आदिवासी विकास महामंडल के माध्यम से की जाती है। आदिवासी क्षेत्रों में यह खरीदी आदिवासी विकास महामंडल की ओर से एवं अन्य क्षेत्रों में मार्केटिंग फेडरेशन की ओर से सहकारी संस्थाओं के माध्यम से की जाती है। लेकिन इस बार मार्केटिंग फेडरेशन की ओर से जिन शासकीय धान खरीदी केंद्रों को मंजूरी दी गई है। उनमें लगभग 5 से 6 केंद्र आदिवासी क्षेत्र में है। इसे अपने कार्यक्षेत्र में अतिक्रमण मानते हुए आदिवासी विकास महामंडल की ओर से यह बात जिलाधिकारी के ध्यान में लाई गई है। इस मामले में जल्द ही बैठक लेकर निर्णय जिलाधिकारी द्वारा किए जाने की उम्मीद है।
किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले एवं व्यापारियों द्वारा उनका शोषण न हो इस उद्देश्य से मार्केटिंग फेडरेशन एवं आदिवासी विकास महामंडल इन दो नोडल एजंसियों के माध्यम से धान खरीदी की जाती है। गैरआदिवासी क्षेत्रों में मार्केटिंग फेडरेशन एवं आदिवासी क्षेत्रों में आदिवासी विकास महामंडल नाशिक के माध्यम से धान की खरीदी व मिलिंग की जाती है। मार्केटिंग फेडरेशन की ओर से आदिवासी विकास महामंडल के अंतर्गत आने वाले सालेकसा, देवरी, अर्जुनी मोरगांव, सड़क अर्जुनी जैसी तह ीलों के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में भी धान खरीदी केंद्रों को मंजूरी दी गई है। इस बात से महामंडल की ओर से जिलाधिकारी एवं फेडरेशन के महाप्रबंधक को भी अवगत कराया जा चुका है।
मार्केटिंग फेडरेशन ने आदिवासी क्षेत्रों में मार्केटिंग फेडरेशन द्वारा इन संस्थाओं को धान खरीदी की मंजूरी दी गई है, उसमें सहकारी भात गिरणी सालेकसा, रमाबाई बहुउद्देशिय सहकारी संस्था सातगांव, महागंगा बहुउद्देशीय सहकारी संस्था सातगांव, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज अभिनव बहुउद्देशीय सहकारी संस्था कोकणा/मनेरी, प्रणय मागासवर्गीय औद्योगिक सहकारी संस्था घाटबोरी तेली, परसोडी एवं बाम्हणी का समावेश है। इन स्थानों पर मार्केटिंग फेडरेशन के केंद्रों को मंजूरी दिए जाने को नियमबाह्य बताते हुए इसकी शिकायत जिलाधिकारी से भी की गई है। अब इस पर क्या निर्णय होगा है इस ओर सबकी नजरंे लगी हुई हैं।
Created On :   24 Nov 2023 6:05 PM IST