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समस्या: गोंदिया में संकेत स्थल शुरू न होने से अटका ई-फसल पंजीयन, किसान हो रहे परेशान
- बड़ी संख्या में किसान मक्के की चुराई कर चुके
- धान की फसल भी अंतिम दौर में
- ई-फसल निरीक्षण का पोर्टल शुरू नहीं होने परेशानी
डिजिटल डेस्क, अर्जुनी मोरगांव (गोंदिया) । जिले में अर्जुनी मोरगांव एवं सड़क अर्जुनी तहसीलों में बड़े पैमाने पर प्रतिवर्ष मक्के की फसल लगाई जाती है। इस वर्ष मक्के की फसल का उत्पादन भी अच्छा हुअा था, लेकिन बेमौसम बारिश के कारण फसलों को नुकसान पहुंचा है। लेकिन बड़ी संख्या में किसान मक्के की चुराई कर चुके हैं। उसी प्रकार 15-20 दिन में धान की फसल भी निकलने की उम्मीद है। शासकीय खरीदी केंद्रों पर मक्के एवं धान की फसल के बिक्री के लिए ई-फसल पंजीयन कराना अनिवार्य होता है। लेकिन उसका संकेत स्थल ही अब तक शुरू नहीं हुआ है। जिसके कारण किसानों के सामने एक नई समस्या निर्माण हो गई है। दोनों तहसीलों में बड़ी संख्या में किसानों ने मक्के का उत्पादन किया है। फसल निकल चुकी है और धान की फसल भी अंतिम दौर में है।
शासकीय खरीदी केंद्रों पर अपने फसल की बिक्री करने के लिए किसानों को सातबारा प्रमाणपत्र पर ई-फसल पंजीयन का भी उल्लेख करना होता है, जो यह दर्शाता है कि संबंधित किसान के खेत में कौनसी फसल लगी है। यह जानकारी अब किसानों को संकेत स्थल पर जाकर स्वयं खेत से फसल का फोटो लेकर अपलोड करना पड़ता है। लेकिन अब तक ई-फसल ऑनलाईन पंजीयन के लिए संकेत स्थल शुरू नहीं हुआ है। उसी प्रकार शासकीय खरीदी के लिए ऑनलाइन पंजीयन करने हेतु 30 अप्रैल अंतिम तारीख है। जिसके कारण किसानों के सामने एक बड़ी समस्या निर्माण हो गई है।
ई-फसल पंजीयन यदि नहीं हुआ तो किसानों को समर्थन मूल्य पर मक्के एवं धान की बिक्री करना संभव नहीं होगा। ग्रीष्मकालीन रबी मौसम के धान की बिक्री करने के लिए किसानों को पहले धान खरीदी सेंटरों पर जाकर ऑनलाइन पंजीयन कराना होता है। जिसकी अंतिम तिथि 30 अप्रैल है। जिसके लिए अब केवल दो सप्ताह का समय शेष रह गया है। इस रजिस्ट्रेशन के लिए ई-फसल निरीक्षण करना आवश्यक है। लेकिन ई-फसल निरीक्षण का पोर्टल शुरू नहीं होने के कारण यह दोनों पंजीयन कैसे होंगे? यह सवाल किसानों के सामने निर्माण हो गया है। वर्तमान में प्रशासन और अधिकारी चुनाव कार्यों में व्यस्त है और किसान पंजीयन न हो पाने के कारण त्रस्त है।
Created On :   14 April 2024 4:42 PM IST