दहशत: अब कवड़ीकसा के जंगल में हाथियों ने जमाया डेरा , सहमे हुए हैं क्षेत्र के लोग

अब कवड़ीकसा के जंगल में हाथियों ने जमाया डेरा , सहमे हुए हैं क्षेत्र के लोग
  • क्षेत्र में ढाई-तीन वर्ष से जंगली हाथियों का झुंड घूम रहा
  • लोगों को कामकाज व खेती किसानी पर हुआ असर
  • आए दिन हो रही घटनाएं

डिजिटल डेस्क, धानोरा (गड़चिरोली.)। कुरखेड़ा वनपरिक्षेत्र से मुरुमगांव वनपरिक्षेत्र में दाखिल हुए जंगली हाथियों का झुंड पिछले चार दिनों से कवड़ीकसा जंगल परिसर में विचरण कर रहा है। वनविभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार जंगली हाथियों के झुंड ने अब तक कवड़कीकसा जंगल परिसर के किसी भी किसान या नागरिक को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचाया। बता दें कि, पिछले ढाई-तीन वर्ष से जंगली हाथियों का झुंड गड़चिरोली जिले के उत्तर विभाग में विचरण कर रहा है।

देसाईगंज वनपरिक्षेत्र से कुरखेड़ा वनपरिक्षेत्र में जंगली हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाकर किसानों समेत नागरिकों का काफी नुकसान पहुंचाया था। लेकिन पिछले चार दिनों से मुरुमगांव वनपरिक्षेत्र के तहत आनेवाले कवड़ीकसा, फुलकडों और आंबेझरी जंगल परिसर में जंगली हाथियों के झुंड ने विचरण करते हुए किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं किया है, ऐसी जानकारी वनविभाग द्वारा दी गई है। वनविभाग द्वारा निरंतर जंगली हाथियों के झुंड पर नजर रखी जा रही है। मुरुमगांव वनपरिक्षेत्र अंतर्गत कवड़ीकसा, फुलकडो और आंबेझरी जंगल परिसर जंगली हाथियों के जीवनशैली के अनुसार सेहदमंद होने की वजह से जंगली हाथियों का झुंड पिछले चार दिनों से इसी क्षेत्र में विचरण कर रहा है।

पेड़ कटाई करने वालों पर होगी कार्र‌वाई : राज्य के आखरी छोर पर बसा गड़चिरोली इस जिले को कुदरती वरदान प्राप्त हुआ है। इस जिले में करीब 78 फीसदी जंगल होने के कारण यह जिला वनों के जंगल के रूप में भी पहचाना जाता है। दूसरी ओर इस जिले में वन तस्कर दीमक की तरह वनों को नष्ट करते दिखाई दे रही है। ऐसा ही एक मामला अहेरी उपविभाग में सामने आया है। जहां वन तस्कर और जंगल में अतिक्रमण करने का प्रयास करनेवाले लोग पहले पेड़ों पर कुल्हाड़ी से घाव करते हंै, बाद भी कुछ माह के बाद पेड़ों की कटाई करते हंै। लेकिन इस ओर वनविभाग की अनदेखी होने के कारण इस क्षेत्र में जंगल का अवैध तरीके से कटाई का सिलसिला जारी है जिससे वनविभाग इस ओर गंभीरता से ध्यान दे, ऐसी मांग अहेरी उपविभाग के नागरिकों द्वारा की जा रही है।

गश्त के साथ जनजागरण जरूरी : जिले में वनसंपदा को नागरिक अपने निजी स्वार्थ के लिए नष्ट करते दिखाई दे रहे हैं जिससे इस तरह के मामले रोकने के लिये वनविभाग को जंगल क्षेत्र में अब गश्त करने की आवश्यकता है। इसके अलावा ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र में पहुंचकर लोगों में जंगल का संरक्षण करने के लिए जनजागरण करने की आवश्यकता है। साथ ही जंगल की अवैध तरीके से कटाई करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की जा रही है।

Created On :   31 May 2024 9:21 AM GMT

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