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सफलता: नाकाम हुई नक्सलियों की साजिश , सुरक्षाबलों ने जब्त किया 2 किलो विस्फोटक
- बम शोधक व नाशक दल के जवानों ने घटनास्थल पर ही कर दिया नष्ट
- नक्सलियों के टीसीओसी के दौरान पुलिस को मिली बड़ी सफलता
- नक्सली संगठन फरवरी से जून तक चलाते हैं टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी)
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। कुरखेड़ा उपविभाग के कोटगुल पुलिस थाना अंतर्गत गोंडरी जंगल परिसर में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों द्वारा लगाई गयी 2 किलो की आईईडी(इम्प्रूवाइस एक्प्लोसिव डिवाइस) जब्त करते हुए एक बार फिर नक्सली साजिश को नाकाम कर दिया है। बम शोधक व नाशक दल के जवानों की मदद से जब्त विस्फोटक को घटनास्थल पर ही नष्ट कर दिया गया। उल्लेखनीय यह है कि, वर्तमान में नक्सलियों का टीसीओसी कालावधि शुरू है। इस दौरान नक्सलियों द्वारा पुलिस जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए जंगल परिसर में इस तरह के विस्फोटक लगाए जाते है। लेकिन पुलिस की अचूक रणनीति के कारण हर समय की तरह इस बार भी नक्सली अपनी योजना को सफल बनाने में नाकाम साबित हुए हैं।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार, 19 फरवरी को विशेष अभियान दल (सी-60) के जवान कोटगुल पुलिस थाना अंतर्गत अभियान पर तैनात थे। इस दौरान कोटगुल के प्रभारी पुलिस अधिकारी धनंजय कुलकर्णी को एक संदेहास्पद जगह में विस्फोटक छुपाये जाने की जानकारी मिली। यह जानकारी मिलते ही पुलिस अधिकारी कुलकर्णी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। जानकारी के मिलते ही पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने नक्सली साजिश को नाकाम करने के लिए बम शोधक व नाशक दल के जवानों को तत्काल घटनास्थल की ओर रवाना किया। इस दल के जवानों ने तत्काल घटनास्थल पर सतर्कता से प्रेशर कुकर में लगाया गया जब्त कर लिया। साथ ही उसे घटनास्थल पर ही नष्ट कर दिया गया।
कार्रवाई पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल के मार्गदर्शन में कोटगुल के प्रभारी अधिकारी पुलिस उपनिरीक्षक धनंजय कुलकर्णी, बीडीडीएस दल के प्रभारी अधिकारी मयूर पवार, पुलिस हवालदार पंकज हुलके, पुलिस हवलदार अनंतराव सोयाम, सचिन लांजेवार, तिम्मा गुरनुले ने की। इस कामयाबी के बाद पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने डोंगरी जंगल परिसर में नक्सल खोज अभियान को और अधिक तीव्र करने के आदेश जारी किये हैं।
क्या है टीसीओसी : नक्सली संगठन द्वारा हर वर्ष फरवरी से जून माह तक टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) चलाते हैं। इस कालावधि में नये युवाओं को दलम में भर्ती करने के साथ सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए जगह-जगह विस्फोटक बिछाने और नई रणनीति तैयार करने का कार्य किया जाता है। उल्लेखनीय यह है कि, फरवरी माह से ही ग्रीष्मकाल आरंभ होने लगता है। धीरे-धीरे धूप बढ़ने के कारण भीषण गर्मी में जंगलों में घूमना काफी मुश्किलभरा होता है। इसी कारण फरवरी से जून तक हर वर्ष नक्सलियों द्वारा टीसीओसी चलाया जाता है।
Created On :   20 Feb 2024 9:30 AM GMT