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फसल बर्बाद: जंगली हाथियों के झुंड ने गड़चिरोली के शंकर नगर परिसर में फिर मचाया उत्पात
- किसानों ने की वनविभाग से नुकसान भरपाई तत्काल देने की मांग
- खड़ी मक्के की फसल को कर दिया तबाह
- कभी भी कहीं से भी घुस आता है झुंड, सारे प्रयास हो रहे विफल
डिजिटल डेस्क, आरमोरी (गड़चिरोली) । हाथियों के झुंड ने आरमोरी तहसील के शंकरनगर खेत परिसर में दाखिल होकर मक्के की फसल तहस-नहस कर दी। शंकरनगर खेत परिसर के किसानों ने वनविभाग से पंचनामा कर नुकसान भरपाई तत्काल देने की मांग की है। जंगली हाथियों ने शंकर नगर परिसर के किसान निरंजन हलदार, रविन बाला, सुजय बिश्वास, बिधान मंडल, निर्मल मिस्त्री, गौरंग मिस्त्री, कृष्णा माझी, समीर बिश्वास आदि की मक्का फसल को तहस-नहस किया है।
शंकरनगर खेत परिसर के किसानों ने वनविभाग से पंचनामा कर नुकसानभरपाई तत्काल देने की मांग की है। बता दें कि, मक्का की उपज गड़चिरोली जिले में अब बड़े पैमाने पर ली जा रही है। इस वर्ष बुआई की गई मक्का फसल को अब बुट्टे आने लगे हैं। लेकिन मक्का फसल की महक से जंगली हाथियों का झुंड खेत परिसर में दाखिल होकर जमकर उत्पात मचा रहा है। जिससे किसानों का काफी नुकसान हो रहा है। किसानों द्वारा जंगली हाथियों को फसल से दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन जंगली हाथियों का उत्पात देखकर किसानों के प्रयास विफल हो रहे हैं।
चार मुर्गियों और कुत्ते को चट करनेवाला तेंदुआ कैद: चंद्रपुर में दुर्गापुर गांव में आकर कुत्तों और मुर्गियों को मारने वाले तेंदुए को आखिरकार वन विभाग के अथक प्रयास से 15 फरवरी की रात 10 बजे पिंजरे में कैद कर लिया गया। पिछले कुछ दिनों से तेंदुए के कारण दहशत में रह रहे दुर्गापुरवासियों ने आज राहत की सांस ली। दुर्गापुर से सटे कोयला खदानों और वहां उगी झाड़ियों के कारण यहां बड़ी मात्रा में वन्यजीवों का विचरण हंै। साथ ही कई लोगों ने कोयला खदानों की जगह पर अतिक्रमण कर घर बना लिया है। अतः मानव बस्ती खदानों तक पहुंच गयी है। इसके कारण दुर्गापुर इलाके में अक्सर तेंदुए की समस्या बनी रहती है। पिछले साल कई अप्रिय घटनाएं हुईं, नागरिकों ने वन विभाग पर बड़ा रोष जताया था। जिसके बाद मानव-वन्यजीव पर नियंत्रण हेतु वन विभाग ने जाल लगवाकर सुरक्षा प्रदान की थी। लेकिन लोग जाल चुरा ले गए।
शौच के लिए जाने-आने जाली में छेद कर दिया दिया। जिस इलाके में ये हुआ वहां से तेंदुआ, भालू आ रहे हैं। पिछले वर्ष की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए वनपरिक्षेत्र अधिकारी जी.आर. नायगावकर ने 4 पिंजरे, 15 कैमेरे लगाकर नजर रखी थी। तेंदुआ साल-डेढ़ साल का होकर वह हर रोज अपनी जगह बदल कर मुर्गियों को अपना निवाला बनाता था। तेंदुआ पिंजरे में कैद होने तक चार मुर्गियां और एक कुत्ते को उसने अपना निवाला बनाया था। 15 फरवरी गुरुवार की रात 10 बजे के बीच तेंदुआ पिंजरे में कैद हुआ। जैसे ही तेंदुआ पिंजरे में कैद हुआ उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी इसलिए वनविभाग को आखिरकार पुलिस विभाग को बुलाना पड़ा। एक माह में दुर्गापुर परिसर से तीन तेंदुए को पिंजरे में कैद किया गया। घटना पर नजर बनाए मुख्य वनसंरक्षक रामगांवकर, विभागीय अधिकारी खाडे के मार्गदर्शन में वनपरिक्षेत्र अधिकारी जी.आर. नायगावकर, क्षेत्रसहायक दुर्गापुर तिजारे, वनरक्षक दुर्गापुर दहेगावकर, अतिशिघ्र कृति दल के क्षेत्रसहायक दुपारे, शूटर वनकर, चावरे, अंकित, चाहांदे तथा पीआरटी शुभम गेडाम व उनकी टीम ने परिश्रम कर तेंदुए को पिंजरे में कैद कर दुर्गापुरवासियों को भयमुक्त किया।
Created On :   17 Feb 2024 1:22 PM GMT