ऐसे हैं हमारे सरकारी स्कूल: टपकती छत से बचने लगाई पन्नी उससे भी रिस रहा पानी, छतों में आई दरार, दुर्घटना की आशंका

टपकती छत से बचने लगाई पन्नी उससे भी रिस रहा पानी, छतों में आई दरार, दुर्घटना की आशंका
  • टपकती छत से बचने लगाई पन्नी उससे भी रिस रहा पानी
  • छतों में आई दरार, दुर्घटना की आशंका
  • बारिश में लगातार छत से रिसता है
  • पानी, टूटी बीम के नीचे बैठकर पढऩे को मजबूर बच्चे

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/ छिंदी/परासिया। जिले के सरकारी स्कूलों में पढऩे जाने वाले बच्चों को छाता लगाकर बैठना पड़ता है या फिर स्कूल की ओर से छत से लगातार रिस रहे पानी से बचने के लिए पालीथिन लगाई जाती है। ऐसा कुछ हाल तामिया जनपद के अंतर्गत बावई पठार स्कूल का है जहां पर स्कूल भवन जर्जर हो चुके है और हर बारिश की तरह इस बार भी छत से पानी रिस रहा है। वैसे तो एक शाला एक परिसर होने के कारण यहा पर प्राइमरी, मीडिल और हाईस्कूल की कक्षाएं लगती है। लगभग सभी स्कूल भवनों के ऐसे ही हाल है जिसमें मीडिल स्कूल की छत ज्यादा खराब है। यानी इनमें से एक भी भवन ऐसा नहीं है जहां बैठकर विद्यार्थियों को पढ़ाई करा सके। हालात बदत्तर है और स्कूल भवन की छत के ऊपर बारिश के पानी का भराव रहता है जिसके कारण लगातार छतों से पानी रिसता रहता है। इसके बचने के लिए स्कूल की ओर से पॉलीथिन लगाई गई है लेकिन इससे भी पानी रिसकर यहां पढऩे आने वाले बच्चों को गीला कर दे रहा है। इतना हीं नहीं भवन के ऐसे हालात है इसका बीम भी क्षतिग्रस्त है जिससे हमेशा दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। बावई पठार में प्राइमरी, मिडिल और हाई स्कूल संचालित है, जिसमें 6 शिक्षक और 316 विद्यार्थी हैं।

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छत के साथ फर्श में भी गड्ढे : हाई स्कूल भवन ठेकेदार के माध्यम से बना, वहीं शेष स्कूल भवन का निर्माण कार्य एजेंसी पंचायत रही है। वर्ष 2007 से 2012 के दरम्यान उक्त सभी भवनों का बारीबारी निर्माण हुआ है। सबसे खराब स्थिति पंचायत द्वारा बनाए गए स्कूल भवनों की है। भवन का लेंटर झुक गया, बीम टूट गई, फर्स में गड्ढे ही गड्ढे हो गए हैं। मामले को लेकर स्थानीय शिक्षक और स्कूल प्रभारी लगातार चार साल से आवेदन और शिकायतें कर रहे, किन्तु स्थिति यथावत बनी हुई है।

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नहीं पहुंचते अधिकारी, कैसे होगा सुधार

ब्लाक मुख्यालय तामिया से बावई पंचायत की दूरी लगभग 38 किमी और छिंदी क्षेत्र से दूरी लगभग 16 किमी है। सुदूर सीमावर्ती क्षेत्र होने से यहां अधिकारियों का ब-मुश्किल आना जाना होता है। यहीं वजह है कि कई बार ग्रामीणों ने यहां से लम्बा सफर कर जिला मुख्यालय पहुंचकर भी स्कूल की समस्या पर ध्यान आकर्षित कराया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

इनका कहना है...

॥क्षतिग्रस्त भवनों की उचित मरम्मत के लिए कई बार स्टीमेंट बनाकर उच्चाधिकारियों को प्रेषित किया गया। बजट उपलब्ध होते ही काम कराया जाएगा।

- राजिक खान,

उपयंत्री , जनपद पंचायत तामिया

॥ बावई स्कूल की खराब स्थिति को ठीक करवाने बीईओ और जपं सीईओ को कहा गया है तांकि विद्यार्थियों को परेशानी नहीं हो।

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- सुधीर अहके, स्थाई शिक्षा समिति सभापति पदेन जपं उपाध्यक्ष

॥भवन की बीम टूटी नहीं है, बारिश का पानी छत में जमा हो रहा है जिसके कारण रिस रहा है। बारिश रुकने के बाद छत का सुधार कार्य कराया जाएगा।

- मंतोष मांडलिक, सीईओ जनपद पंचायत

Created On :   25 July 2024 10:42 AM IST

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