Chhindwara News: गर्भवती महिलाओं को बाजार से खरीदकर देना पड़ रहा ग्लब्स, तब हो पा रही जांच

गर्भवती महिलाओं को बाजार से खरीदकर देना पड़ रहा ग्लब्स, तब हो पा रही जांच
  • गर्भवती महिलाओं को बाजार से खरीदकर देना पड़ रहा ग्लब्स, तब हो पा रही जांच
  • डिलेवरी के पूर्व जांच और ओटी में इस्तेमाल होते है ग्लब्स
  • रात के वक्त परेशान होते है पेशेंट के अटेंडर

Chhindwara News: मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं और लापरवाही का आलम खत्म नहीं हो पा रहा है। यहां गायनिक वार्ड में डिलेवरी के लिए भर्ती होने वाली गर्भवती महिलाओं के परिजनों को बाजार से सर्जिकल ग्लब्स खरीदकर लाना पड़ रहा है। इन ग्लब्स की कीमत भले २५ रुपए है लेकिन पहले से मानसिक तनाव झेल रहे परिजनों को ग्लब्स के लिए परेशान होना पड़ रहा है। मरीज और उनके परिजनों को हो रही दिक्कतों से अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदारों को कोई सरोकार नहीं है।

गौरतलब है कि गायनिक वार्ड में रोजाना २५ से ३० डिलेवरी होती है। ऐसे पेशेंट जो रात के वक्त अस्पताल पहुंचते है उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दूसरी ओर शासन प्रशासन मातृ-शिशु मृत्युदर कम करने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दे रहा है वहीं दूसरी ओर जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड में ग्लब्स के लिए गर्भवती महिलाओं के परिजन परेशान है।

आदिवासी अंचल के मरीजों के लिए आफत-

ऐसी गर्भवती महिलाएं जो तामिया, हर्रई और बटकाखापा जैसे दूरस्थ आदिवासी अंचलों से डिलेवरी के लिए जिला अस्पताल पहुंचती है, उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खासकर रात के वक्त मरीज के परिजन ग्लब्स के लिए परेशान होते है।

दो ग्लब्स लेकर पहुंचे परिजन-

मंगलवार रात लगभग १० बजे ग्रामीणअंचल से डिलेवरी के लिए भर्ती एक गर्भवती के परिजनों से स्टाफ ने बाजार से ग्लब्स लाने के लिए कहा था। गर्भवती के परिजन ने कोतवाली के सामने स्थित दवा दुकान से ५० रुपए के दो सर्जिकल ग्लब्स खरीदकर ले गया था। गर्भवती के परिजनों के चेहरे पर मानसिक तनाव साफ नजर आ रहा था।

क्या कहते हैं अधिकारी-

गायनिक यूनिट में पर्याप्त ग्लब्स और दवाएं उपलब्ध कराए जा रहे है। इसके बाद भी बाजार से ग्लब्स बुलाए जा रहे है तो यह सही नहीं है। इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ. हर्षवर्धन कुड़ापे, आरएमओ, जिला अस्पताल

Created On :   31 Jan 2025 3:50 PM IST

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