Chhindwara News: एक्सीडेंटल डेथ बताकर निकाल लिए चार लाख, पीड़िता की शिकायत पर चौरई पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

एक्सीडेंटल डेथ बताकर निकाल लिए चार लाख, पीड़िता की शिकायत पर चौरई पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
  • एक्सीडेंटल डेथ बताकर निकाल लिए चार लाख
  • पीडि़ता की शिकायत पर चौरई पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
  • स्वाभाविक मौत को कागजों में बता दिया दुर्घटना

Chhindwara News: संबल योजना के तहत चौरई ब्लॉक में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां स्वाभाविक मौत को दुर्घटना बताकर चार लाख रुपए का फर्जीवाड़ा किया गया। शिकायत पर जब जांच की गई तो मामला सही पाया गया। इस प्रकरण में पुलिस ने चौरई नगर पालिका कर्मचारी सहित एक अन्य के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया है।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार चौरई के वार्ड 6 निवासी माला वर्मा ने शिकायत की थी कि उसके पति रामकिशन की मृत्यु 24 मई 23 को हुई थी। उनकी मृत्यु के बाद उनके पड़ोस में रहने वाला प्रयास शर्मा उनके पास आया और नगर पालिका से संबल योजना का लाभ दिलाकर 2 लाख दिलवाने का आश्वासन दिया। पीडि़ता ने शिकायत करते हुए बताया कि युवकों ने उनका खाता खुलवाकर उसकी चेक बुक और अन्य दस्तावेज स्वयं के पास रख लिए। उनके पति के दस्तावेज लेकर संबल योजना का प्रकरण बनाया। जिसके बाद उनके खाते में चार लाख रुपए की सहायता राशि आई। जिसमें से उन्हें मात्र 50 हजार दिए गए,जबकि अन्य राशि युवक ने निकाल ली। इस मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने अंशुल और प्रयास शर्मा पर प्रकरण दर्ज किया हैं।

एसडीएम के आदेश पर नायब तहसीलदार ने की जांच

एसडीएम के पास हुई शिकायत के बाद अनुविभागीय अधिकारी ने जांच का जिम्मा नायब तहसीलदार को दिया था। दस्तावेजों के परीक्षण के बाद पाया गया कि रामकिशन की मृत्यू स्वाभाविक थी, लेकिन संबल में प्रकरण एक्सीडेंटल डेथ का बनाया गया था। इस मामले की जांच अभी भी जारी है। फाइनल रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में दोषियों की संख्या बढाई जा सकती है।

नायब तहसीलदार ने बचाया दोषियों को

नगरपालिका में संबल के नाम पर इस दो के अलावा अन्य फर्जी प्रकरण भी बनाए गए हैं। शिकायत के बाद एसडीएम ने इस मामले में नायब तहसीलदार रूही खान को जांच अधिकारी बनाया था। नायब तहसीलदार की टीम ने जांच के नाम पर सिर्फ कंप्यूटर ऑपरेटर को दोषी ठहराया। जबकि नगरपालिका में संबल योजना शाखा प्रभारी की भी इस मामले में भूमिका संदिग्ध हैं। योजना प्रभारी की जानकारी में आए बिना प्रकरण को ऑपरेटर अकेला हैंडल कर ही नहीं सकता हैं। ऑपरेटर अकेले को इस मामले में बलि का बकरा बनाया गया।

फर्जीवाड़े का ये दूसरा प्रकरण

चौरई में फर्जीवाड़े का ये दूसरा प्रकरण है। इसके पहले उमेश ठाकुर नामक आवेदक की मां की कैंसर से मृत्यु होने के बाद भी उनकी एक्सीडेंटल मौत बताकर चार लाख की निकासी की गई थी। इस प्रकरण में मृतिका की पीएम रिपोर्ट से लेकर सब फर्जी लगाए गए थे। हालांकि इस मामले में आवेदक को पूरी राशि मिल गई थी।

इनका कहना है....

नायब तहसीलदार को इस मामले में जांच अधिकारी बनाया गया है। अभी जांच चल रही है। आगे भी जांच में अन्य लोगों की भूमिका पाए जाने पर प्रकरण दर्ज कराया जाएगा।

-प्रभात मिश्रा, एसडीएम चौरई

Created On :   13 April 2025 4:59 PM IST

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