Chandrapur News: निधि के अभाव में जलजीवन मिशन संकट में , काम की रफ्तार हुई धीमी

निधि के अभाव में जलजीवन मिशन संकट में , काम की रफ्तार हुई धीमी
  • 20 से 25 करोड़ बकाया
  • ठेकेदार काट रहे जिप के चक्कर
  • केंद्र और राज्य सरकार से अब तक नहीं मिली निधि

Chandrapur News केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना जलजीवन मिशन को पूरा करने के लिए जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग का प्रयास जारी है। हालांकि, दूसरी ओर, यह बात सामने आई है कि किए गए निर्माणकार्य के भुगतान के लिए कोई निधि नहीं है। लाडली बहन योजना समेत अन्य योजनाओं के चलते पिछले सितंबर माह से केंद्र व राज्य सरकार से कोई निधि नहीं मिली है। इससे 20 से 25 करोड़ रुपए का भुगतान रुका हुआ है।

पिछले कुछ महीनों में भुगतान के लिए ठेकेदारों के चक्कर बढ़ गए हैं लेकिन निधि के अभाव में ग्रामीण जलापूर्ति विभाग भी लाचार है। हर परिवार को पर्याप्त और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा 2018 में जलजीवन मिशन शुरू किया गया था। इस महत्वपूर्ण पहल के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से 50 प्रतिशत निधि देने की घोषणा की गई। चंद्रपुर जिले में 1365 कार्य हाथ लिए गए। कार्य समय और संख्या में हो सके, इसके लिए तत्काल निविदा प्रक्रिया लागू की गई। चंद्रपुर और अन्य जिलों के ठेकेदारों को जलजीवन मिशन का काम सौंपा गया था।

शुरुआत में जलजीवन मिशन पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा निधि की वर्षा की गई। इसलिए एक से डेढ़ साल में जिले में जलजीवन मिशन की गतिविधियां तेजी से हुईं। फिलहाल 70 से 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। कुछ काम पूरे होने वाले हैं, लेकिन लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद से आवश्यक निधि मिलना बंद हो गया है। निधि के अभाव में पूरा भुगतान नहीं होने से ठेकेदार भी हैरान है। उनसे काम की गति भी धीमी हो गयी है। देखने में आ रहा है कि ठेकेदार इस आस में रोज जिला परिषद के चक्कर लगा रहे हैं कि आज और कल उन्हें भुगतान मिल जाएगा।

चंद्रपुर जिले में 1365 कार्य हैं, ये काम 300 से 400 ठेकेदारों के माध्यम से चल रहे हैं। योजना शुरू होने पर समय पर निधि मिल रही थी इसलिए काम तेजी से चल रहा था। लेकिन पिछले डेढ़ साल से राज्य और केंद्र सरकार से समय पर निधि मिलना बंद हो गया है। अगर फंड आ भी रहा है तो कम मात्रा में आ रहा है। इसलिए, ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि प्राप्त निधि से किसे भुगतान किया जाए। विभाग थोड़ा-थोड़ा भुगतान कर ठेकेदारों की जरूरतों को पूरा करने का भी काम कर रहा है।

अब सितंबर के बाद से राज्य और केंद्र सरकार से कोई निधि नहीं मिली है। पिछले चार माह से निधि नहीं मिली है। इसके चलते 20 से 25 करोड़ का भुगतान अटका हुआ है। इसका असर जलजीवन मिशन के कार्य पर दिखाई दे रहा है। ऐसे में इन कार्यों के निर्धारित समय में पूरा होने की उम्मीद धूमिल होती जा रही है।

Created On :   3 Jan 2025 4:04 PM IST

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