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Chandrapur News: कामगारों की सुरक्षा पर अनदेखी करनेवाली ओमैट कंपनी के खिलाफ 3 अपराधिक मामले दर्ज

- मृत श्रमिकों के परिवारों को वित्तीय सहायता देने की मांग
- कामगार मंत्री ने दी जानकारी
Chandrapur News कामगारों की सुरक्षा पर अनदेखी करनेवाली ताडाली एमआईडीसी स्थित ओमैट वेस्ट लिमिटेड कंपनी (सिद्धबली) के खिलाफ कामगार मृत्यु प्रकरण में 3 अपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। बता दें कि, विधायक सुधाकर अडबाले ने विधानसभा में एक तारांकित प्रश्न उठाया था, जिसमें ताड़ाली के औद्योगिक क्षेत्र में ओमैट वेस्ट लिमिटेड में मृत श्रमिकों के परिवारों को वित्तीय सहायता देने की मांग की गई थी। दोनों दुर्घटनाओं में औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा जांच के दौरान पाए गए उल्लंघनों के संबंध में कामगार मंत्री ने बताया कि फैक्ट्री मालिक के खिलाफ चंद्रपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में कुल 3 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
यहां बताया कि, 13 अक्टूबर 2024 को सुबह 9.30 बजे अजय रवींद्र राम (बिहार निवासी) नामक मजदूर की 20 फीट की ऊंचाई से 200 किलो स्टील स्क्रैप गिरने से मौत हो गई। हालांकि, कंपनी प्रबंधन ने बिना किसी मुआवजे के शव को बिहार भेज दिया। इससे पहले 23 जून 2024 को श्यामसुंदर ठेंगने नामक श्रमिक की भी दुर्घटना में मौत हो गई थी। उसके परिवार को शेष 15 लाख रुपए का मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया है। यह बात सामने आई है कि सुरक्षा उपायों के अभाव में कंपनी में पहले भी कई श्रमिकों की मौत हो चुकी है। ये दोनों मामले विधायक द्वारा सभागृह में उठाए गए। यह भी आरोप लगाया गया कि कंपनी अपने श्रमिकों के लिए आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराती है तथा कोई सुरक्षा अधिकारी भी नियुक्त नहीं किया गया है। इस संबंध में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर विधायक अड़बाले ने बजट सत्र में तारांकित प्रश्न के माध्यम से कंपनी प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला
दर्ज कर जांच की मांग की। विधायक के सवाल का जवाब देते हुए श्रम मंत्री आकाश फुंडकर ने कहा कि चूंकि अजय रवींद्र राम राज्य श्रमिक बीमा योजना के तहत पंजीकृत हैं, इसलिए उनके परिवार को 2 लाख रुपए की अनुग्रह अनुदान और अन्य लाभ प्रदान करने के प्रयास चल रहे हैं। श्यामसुंदर ठेंगने के परिवार को 30 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इसके अलावा, उनकी पत्नी को 201.86 रुपए प्रतिदिन तथा उनके बेटे और बेटी को 134.57 रुपए प्रतिदिन की सहायता राशि राज्य श्रम कार्यालय द्वारा स्वीकृत की गई है। इससे पहले 16 जून 2022 को एक श्रमिक निकलेश हरिराम इनवटे की मौत हो गई थी, जबकि 16 जनवरी 2025 को एक दुर्घटना में सिकंदर यादव गंभीर रूप से घायल हो गया था। इलाज के दौरान 3 फरवरी 2025 को श्रमिक की मृत्यु हो गई। कामगारों की दुर्घटना संबंध में श्रम मंत्री ने अपने जवाब में बताया कि औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य निदेशालय ने श्रमिकों की दुर्घटनाओं की जांच की है तथा फैक्ट्री संचालकों के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, चंद्रपुर न्यायालय में तीन आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
Created On :   19 March 2025 3:02 PM IST