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Chandrapur News: चंद्रपुर में खुदाई कार्यों से मार्च में हुआ प्रदूषण में इजाफा

- 31 में से 9 दिन अत्याधिक प्रदूषित
- श्वास से संबंधित बीमारी से परेशान हो रहे लोग
Chandrapur News भीषण प्रदूषण के लिए पहचाने जानेवाले चंद्रपुर शहर में विविध योजना के नाम पर सड़कों की खुदाई व उससे उड़नेवाली धूल से प्रदूषण में और इजाफा कर दिया है। चंद्रपुर में प्रदूषण की समस्या लगातार बढ़ती जाने से नागरिकों का जीना दुश्वार हो गया है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आंकड़ों के अनुसार मार्च के 31 दिनों में से 09 दिन अत्याधिक प्रदूषित, 18 दिन सामान्य प्रदूषित और केवल 04 दिन संतोषजनक वायु गुणवत्ता दर्ज की गई। पहले से ही प्रदूषित चंद्रपुर में मार्च महीने के दौरान प्रदूषण में और वृद्धि हुई है।
बढ़ता प्रदूषण पहले से ही सांस से संबिधत रोगों से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है और नए रोगियों की संख्या भी बढ़ रही है। प्रदूषण दमा (अस्थमा), ब्रोंकाइटिस, टीबी (क्षय रोग), हृदय रोग, मानसिक तनाव और अवसाद की शिकायतें बढ़ रहीं हैं। जनवरी और फरवरी में सभी दिन प्रदूषित रहे, लेकिन मार्च में प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ गया। इस महीने 09 दिन अत्यंत खराब वायु गुणवत्ता रही, जबकि 18 दिन भी प्रदूषण का स्तर अधिक था।
मार्च के महीने में 26 दिन तक धूलीकण 10 माइक्रोमीटर और 05 दिन तक 2.5 माइक्रोमीटर के सूक्ष्म धूलीकण वायू में मौजूद रहे। यह प्रदूषण मुख्य रूप से सड़कों की गलत तरीके से खुदाई और पर्यावरणीय नियमों के पालन में लापरवाही के कारण हुआ। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि सूक्ष्म धूलीकणों का बढ़ता स्तर स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। इससे नागरिकों को श्वसन संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में प्रशासन को इस बढ़ते प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और नागरिकों को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए, ऐसी मांग पर्यावरण अभ्यासक प्रा. सुरेश चोपणे ने की है। शहर में बढ़ते प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण अव्यवस्थित निर्माण कार्य और सड़क खुदाई है। प्रशासन को नियमों को सख्ती से लागू करना होगा, तभी इस समस्या का समाधान निकलेगा। अगर समय रहते कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो यह प्रदूषण नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए आवश्यक उपाय योजना जरूरी : प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पौधारोपण को बढ़ावा दिया जाए। सड़कों की नियमित सफाई और पक्की सड़कें बनाई जाए। शहर में साइकिल और बैटरी वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए। सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत किया जाए। कचरा जलाने पर सख्त रोक लगाई जाए। उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण नियमों का कड़ाई से पालन करने के लिए बाध्य किया जाए। नागरिकों को भी प्रदूषण रोकने के लिए जागरूक किया जाए। इसके अलावा, स्मॉग टावर, फॉग मशीन और कृत्रिम बारिश जैसे अस्थायी समाधान किए जा सकते हैं, लेकिन स्थायी समाधान के लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने की जरूरत है। जब तक प्रदूषण के स्रोतों पर नियंत्रण नहीं किया जाता, तब तक यह समस्या बनी रहेगी।
Created On :   2 April 2025 3:44 PM IST