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Bhandara News: भंडारा के कारागार में गोंदिया के 65% से अधिक कैदी
- हत्या, एमपीडीए कानून अंतर्गत के कैदी रहते हैं शामिल
- कारागार के कर्मचारियों के मंजूर 71 पद में से 11 पद रिक्त
Bhandara News सागर भांडारकर . गोंदिया जिले में कारागार नहीं होने से भंडारा जिला कारागार का काम प्रभावित हो रहा है। भंडारा कारागार की क्षमता 343 कैदियों की होकर वर्तमान में यहां पर क्षमता से अधिक यानी कुल 405 कैदी है। इन 405 कैदियों में से 65 प्रतिशत कैदी गोंदिया जिले के हैे। इनमें हत्या, एमपीडीए कानून अंतर्गत बंद कैदियों का समावेश है। दूसरी ओर कारागार के कर्मचारियों के मंजूर 71 पद में से 11 पद रिक्त हैं। गोंदिया जिले में कारागार बनाने के लिए 8.75 हेक्टेयर जमीन तैयार की गई है। लेकिन शासकीय नियमों की पूर्तता कर कारागार बनाने में लंबा समय लगने के आसार है।
भंडारा की तुलना में गोंदिया जिले में अपराधिक घटनाएं अधिक होती हंै। गोंदिया में हत्या, हत्या की कोशिश, सामूहिक रूप से अपराध को अंजाम देने के मामले आए दिन सामने आते हंै। इन अपराधों में लिप्त आरोपियों पर मामला दर्ज कर उन्हे भंडारा जिला कारागार में लाया जाता है। सजा मिल चुके, न्यायालयीन आदेश पर आने वाले गोंदिया जिले के कैदियों को भंडारा में रखा जाता है। जिला कारागार के अधीक्षक डी. आड़े ने दैनिक भास्कर को बताया कि गोंदिया जिले से प्रति दिन चार से पांच कैदी आते हैं। जबकि भंडारा जिले में अपराध कम होने से यहां पर प्रतिदिन एक या दो कैदी ही आते हंै। गोंदिया में हत्या, हत्या की कोशिश, समूह में अपराध को अंजाम देने जैसे मामले अधिक होते हैं। वर्तमान में भंडारा कारागार में एमसीआर के 220 कैदी, सजायाफ्ता 21 कैदी, एमपीडीए कानून अनुसार बंद 10 कैदी तथा 154 विचाराधीन इस तरह से कुल 405 कैदियों का समावेश है। इनमें पाच महिला कैदियों का भी समावेश है। कर्मचारियों के पद रिक्त होने से कैदियों को संभालते हुए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
9.56 हेक्टेयर में बना है भंडारा कारागार : भंडारा जिला कारागार 9.56 हेक्टेयर क्षेत्र में बना हुआ है। इतने बड़े क्षेत्र का अलग-अलग विभाजन किया गया। कारागार के अंदर 0.40 हेक्टेयर क्षेत्र में दो तालाब हंै। यह तालाब मछुआरों को 55 हजार रुपए की दर पर मछलियां पकड़ने के लिए किराए से दिए गए हंै। कारागर क्षेत्र में वन परिसर भी है। जबकि कारागार के अंदर का संपूर्ण परिसर 3.6 हेक्टेयर क्षेत्र में है।
5.54 हेक्टेयर में कैदी करते हैं खेती : भंडारा कारागार में कैदियों को कई तरह के प्रशिक्षण दिए जाते हैं। कारागार में उन्हे केंचुआ खाद बनाने, डेअरी फार्म का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसी के साथ 3.6 हेक्टेयर खेती के क्षेत्र में कैदियों ने गोबी लगाई है। जिला कारागार अधीक्षक आडे ने बताया कि 23 जनवरी से कारागार में प्याज लगाया जाएगा। यहां उपजी सब्जी का उपयोग कारागार के रसोई में ही होगा।
कैदी फिर कारागार में नहीं आएं यह होता है उद्देश्य : वर्तमान में कारागार के अंदर भंडारा की तुलना में गोंदिया जिले के कैदी सर्वाधिक है। वहां पर कारागार बनाने के लिए 8.75 हेक्टेयर में जमीन तैयार की है। यह जमीन कुछ विभाग व दस किसानों से लेकर हस्तांतरित की है। निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है। दूसरी ओर कारागार के कैदियों को एनजीओ के माध्यम से समुपदेशन किया जाता है। कैदियों के लिए ओपन यूनिर्वसीटी के माध्यम से शिक्षा दी जाती है। कैदियों को बाहर निकलने पर रोजगार मिले इस उद्देश्य से उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है। कैदी कारागार में फिर कभी नहीं लौटे इस उद्देश्य के साथ काम करते हैं। -डी. एस. आडे, जिला कारागार अधीक्षक, भंडारा
Created On :   23 Jan 2025 11:49 AM IST