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समस्या: गहराने लगा जलसंकट , चिखलदरा तहसील के कई गांवों में पेयजल के लिए भटक रहे लोग
- दोनों गांवों में टैंकर की मांग का प्रस्ताव भेजा, लेकिन नहीं मिली मंजूरी
- आकी के बाद बेला गांव में भी गहराया जलसंकट
- कुओं के अधिग्रहण का कार्य शुरू
डिजिटल डेस्क, अमरावती। जिले में जलकिल्लत फरवरी से ही शुरू हो चुकी है। चिखलदरा तहसील के आकी गांव में 15 फरवरी को ही टैंकर से जलापूर्ति शुरू करने की मांग की गई थी और इसी तहसील के अन्य सात गांव सूखे की दहलीज पर बताए जा रहे थे। इनमें से बेला गांव में भी शनिवार को टैंकर की मांग की गई। लेकिन दोनों गांवों में टैंकर की मांग के प्रस्ताव को संबंधित उपविभागीय अधिकारी कार्यालय ने अभी मंजूर नहीं किया है। जिससे इन दोनों गांवों के लोग पानी के लिए भटक रहे हैं। वहीं दूसरी ओर लगभग दो सप्ताह पहले जिला प्रशासन ने चिखलदरा तहसील में सात जगह पर कुएं अधिग्रहण का काम पूर्ण किया है।
इस बार औसत से 25 प्रतिशत कम बारिश होने से जलकिल्लत की तीव्रता बढ़ने की आशंका कुछ माह पहले ही व्यक्त की जा रही थी। जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से इस बार 21 करोड़ 18 लाख के संभावित जलकिल्लत निर्मूलन कृति प्रारूप तैयार किया गया है। जिसे जिला प्रशासन ने मंजूरी प्रदान की है। जिले के 376 गांव जलसंकट की छाया में है। जिसमें चिखलदरा तहसील के 120 गांवों का समावेश है। हालाकि प्रशासन ने 30 गांवों में टैंकर का नियोजन करने का दावा किया है। किंतु पिछले 10 दिनों से आकी गांव में टैंकर से जलापूर्ति की मांग का प्रस्ताव और शनिवार को बेला गांव में जलापूर्ति की मांग का संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा भेजा गया प्रस्ताव पंचायत समिति कार्यालय में पड़ा हुआ है।
चिखलदरा पंचायत समिति कार्यालय ने बताया कि आकी गांव में टैंकर से जलापूर्ति का प्रस्ताव उपविभागीय अधिकारी कार्यालय में भेजा है। वहीं बेला गांव के प्रस्ताव में कुछ तकनीकी खामियां रहने से उसे संशोधन के लिए वापस भेजा गया। चिखलदरा तहसील के अलावा भातकुली तहसील के दाढी पेढी, अमरावती तहसील के कस्तुरा माेगरा, नांदगांव खंडेश्वर के खानापुर व नागझरी, मोर्शी तहसील के ब्राह्मवाडा व शिरजगांव आदि गांवों मंे निजी कुएं अधिग्रहण का काम पूर्ण हो चुका है।
गांवों की जलापूर्ति योजना लंबित पड़ीं : चिखलदरा तहसील के अनेकों गांवों को हर वर्ष ही ग्रीष्मकाल में भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ता है। चिखलदरा तहसील के आकी, मोथा, खडीमल, गौलखेडा, गौलखेडा बाजार, मांजर कापडी, सोनापुर, कोयलारी, पाचडोंगरी, कोरडा, कारदा, अावागड, लवादा, बहादरपुर, कुलंगना खुर्द, सोमवारखेडा, धर्मडोह व एकझिरा आदि गांवों में जलापूर्ति योजना प्रस्तावित हैं। अधिकांश गांवों की हद वनविभाग के तहत आने से अनापत्ति प्रमाणपत्र व अन्य मुद्दों के चलते योजना लंबित पड़ी हैं।
Created On :   27 Feb 2024 3:14 PM IST