- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- अमरावती
- /
- अमरावती मनपा में चल रही घूसखोरी, ...
रिश्वत: अमरावती मनपा में चल रही घूसखोरी, दलाल तय कर रहे जन्म प्रमाण पत्र का रेट!
- सीएए लागू होने से रोजाना बढ़ रही भीड़
- फिर भी सुध नहीं ले रहे मनपा के वरिष्ठ अधिकारी
- 4 से 5 हजार रुपए लेते हैं दलाल
डिजिटल डेस्क, अमरावती। केंद्र सरकार ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू कर दिया है। इसके लिए सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। इस कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आये हिंदू, सिख, बौध्द, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। जिसके लिए 2014 से पहले भारत में जन्म होने का दाखला हासिल करने मनपा के जन्म, मृत्यु दाखला विभाग में लंबी कतार लग रही है। अल्पसंख्यकों की इसी भीड़ का फायदा उठाकर जन्म दाखला के लिए मनपा में कुछ दलाल भी सक्रिय होने की जानकारी सामने आई है। जो मौके की नजाकत का लाभ उठाकर चांदी काट रहे हैं। लेकिन मनपा प्रशासन इससे बेखबर है। जन्म प्रमाण पत्र के लिए सोमवार को भीड़ बढ़ने के बाद भी वरिष्ठ अधिकारी इसकी सुध लेने तैयार नहीं है।
एसडीओ को दिये अधिकार : निकाय संस्था के रिकॉर्ड मंे यदि किसी व्यक्ति के जन्म की सूचना दर्ज नहीं है तो पहले कोर्ट से यह प्रक्रिया करने के आदेश लाने पड़ते थे। उसके बाद कोर्ट के आदेश पर मनपा संबंधित व्यक्ति को दाखला देती थी, किंतु केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू कर दिया गया है। जिससे कोर्ट में इस तरह के आदेश पाने के लिए बढ़ने वाली भीड़ को देख इसके अधिकार अब उपविभागीय अधिकारी (एसडीओ) को दिये गये हैं। उपविभागीय अधिकारी कार्यालय से आदेश लाकर जन्म का प्रमाण पत्र देने के लिए लोगों से दलाल 4 से 5 हजार रुपए की मांगे जाने की जानकारी है। रमजान का महीना होने से अल्पसंख्यक भी ज्यादा झंझट में न पड़कर समय गंवाने की बजाय इन दलालों के शिकार हो रहे हैं।
अभी तक शिकायत नहीं मिली : मनपा के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विशाल काले ने कहा कि अभी तक मेरे पास इस संदर्भ में कोई शिकायत नहीं मिली हैं। शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह पूर्ण करनी पड़ती प्रक्रिया : यदि किसी व्यक्ति का नाम मनपा के रिकॉर्ड में नहीं है तो ऐसे व्यक्ति को तहसील से प्रतिज्ञा पत्र बनाकर लाना पड़ता है। यह प्रतिज्ञा पत्र मनपा के जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग मंे दिखाने के बाद मनपा संबंधित व्यक्ति को उसके जन्म की सूचना मनपा में न रहने बाबत का प्रमाण पत्र देती है। उसके बाद यह फाइल उपविभागीय अधिकारी कार्यालय में दाखिल करने के बाद वहां कागजातों की छानबीन के बाद उपविभागीय अधिकारी मनपा को संबंधित व्यक्ति को जन्म का प्रमाणपत्र देने के आदेश देता है। यह आदेश लाने के बाद संबंधित को जन्म का दाखला मिलता है।
पहले अनेक प्रसूतियां घर में होती थीं : जानकारी के मुताबिक जिनका जन्म अस्पतालों में हुआ। ऐसे लोगों के जन्मों का पंजीयन संबंधित अस्पताल की ओर से ही मनपा में करवाया जाता है। यदि इसका पंजीयन मनपा के कम्प्यूटर में नहीं रहा तो पुराने रिकॉर्ड जांच कर उस रजिस्टर में इसका जिक्र मिलता है तो उस व्यक्ति को तत्काल जन्म दाखला उपलब्ध कराया जाता है। यहीं नियम है, लेकिन कुछ वर्षों पहले अनेक प्रसूतियां घर में होती थीं। जिसका जिक्र लोेग मनपा में नहीं कराते थे। ऐसे लाेगों के लिए जन्म का दाखला पाने की प्रक्रिया काफी लंबी है और उसके लिए 3 या 4 माह का समय लगता है।
Created On :   19 March 2024 2:52 PM IST