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टैक्स वसूली: अमरावती मनपा का दावा खोखला, पहले ही सप्ताह में खुली संपत्ति कर घटाने की पोल
- टैक्स यथावत रहने से कैम्प नहीं पहुंच रहे करदाता
- नागरिकों की ओर से नहीं मिल रहा प्रतिसाद
- संपत्ति कर में बड़ी मात्रा में वृद्धि का आरोप
डिजिटल डेस्क, अमरावती । मनपा प्रशासन के बढ़ाए हुए संपत्ति कर को लेकर लोगों में अभी भी संभ्रम कायम है। यही वजह है कि मार्च महीना खत्म होने को कुछ दिन शेष रहते हुए भी संपत्ति कर भरने में नागरिकों की ओर से काफी कम प्रतिसाद दिखाई दे रहा है। हालांकि 8 दिन पहले ही मनपा ने 4 गुना बढ़ाए हुए संपत्ति कर को कम कर डेढ़ गुना करने की घोषणा निगमायुक्त देवीदास पवार ने की थी और उसके साथ ही संपत्ति कर भरने मनपा के सभी पांच जोन कार्यालय में संपत्ति कर धारकों की भीड़ लगने का दावा भी मनपा ने किया था।
उल्लेखनीय है कि निगमायुक्त के इस दावे को सर्वप्रथम स्थानीय राजनीतिज्ञों ने झुठलाया था। उसके बाद मनपा ने संपत्ति कर धारकों को नए सिरे से जो नोटिस दिए, उसमें शामिल रकम पूर्व की तरह ही दिखाई दी। इस कारण शुरुआती दौर में मनपा में संपत्ति कर भरने लोगों ने भीड़ उमड़ी थी। लेकिन बाद में संपत्ति कर में कमी न आने की बात ध्यान में आने पर टैक्स भरने में लोगों ने रुचि नहीं दिखाई। मनपा प्रशासन ने वर्ष 2005 में टैक्स लगाने में संशोधन किया था। उसके बाद पूरे 18 वर्षों बाद 2023 में मूल्यांकन में संशोधन किया गया। जिसके चलते मनपा क्षेत्र में 3 लाख से ज्यादा संपत्ति की सर्वेक्षण के बाद पंजीयन किया गया। इन संपत्ति धारकों से लगभग 140 करोड़ रुपए तक राजस्व जमा होने वाला था। संशोधित संपत्ति कर में बड़ी मात्रा में वृद्धि का आरोप सर्व सामान्य नागरिकों की ओर से किया जा रहा है।
नए आदेश नहीं दिखा रहे अधिकारी : मनपा की ओर से संपत्ति कर में कमी कर केवल डेढ़ गुना बढाने का दावा किया गया। किंतु इस बारे में मनपा के अतिरिक्त आयुक्त महेश देशमुख से नए आदेश की प्रत मांगने पर उन्होंने थोड़ी देर में मेल पर भेजने की बात कही। लेकिन उसके बाद संपर्क कर ने पर उन्होंने न ही प्रतिसाद दिया और न ही नए आदेश की प्रत सार्वजनिक की।
Created On :   26 March 2024 2:30 PM IST