अनदेखी: अमरावती में पिछले वर्ष अतिवृष्टि से हुए नुकसान की 7 करोड़ की निधि नहीं मिली

अमरावती में पिछले वर्ष अतिवृष्टि से हुए नुकसान की 7 करोड़ की निधि नहीं मिली
  • 85.42 किमी सड़क और 15 पुलिया का निर्माण अटका
  • निधि के अभाव में अधूरे कामों से फिर झेलनी पड़ेगी परेशानी
  • सरकार की अनदेखी से लोगों में भारी नाराजगी

डिजिटल डेस्क, अमरावती। लगभग दो वर्ष पहले 30 जून 2022 को राज्य में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महायुति की सरकार सत्ता में आई। उसके कुछ माह बाद ही अमरावती जिले में स्थानीय निकाय संस्था के पदाधिकारियों का कार्यकाल खत्म हो गया और मनपा व जिला परिषद प्रशासन पर प्रशासक राज अस्तित्व में आ गया। वहीं महायुति की सरकार सत्ता में आने के बाद अमरावती को स्थायी पालकमंत्री नहीं मिलने के चलते सरकार की अमरावती जिले की ओर घोर अनदेखी होती गई। नतीजतन पिछले वर्ष की मानसून में अमरावती जिले में अतिवृष्टि और बाढ़ से सड़कें व पुलिया के हुए नुकसान की निधि अभी तक जिला परिषद को प्राप्त नहीं हुई। अब मानसून शुरू हो चुका है।

अमरावती जिले के अमरावती, चांदूर रेलवे, मोर्शी, अचलपुर, दर्यापुर, धारणी आदि क्षेत्र में पिछले मानसून में खराब हुई सड़कें और पुलिया का काम निधि के अभाव में नहीं हो पाया। जिला परिषद के लोक निर्माण विभाग में ग्राम विकास विभाग के अधिकारी नीतेश ठाकुर को पिछले वर्ष अतिवृष्टि और मानसून से हुए नुकसान की रिपोर्ट भेजी है, लेकिन उस पर राज्य सरकार की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया। जिला परिषद के लोकनिर्माण विभाग की ओर से भेजे गए संशोधित प्रस्ताव में 75 सड़कों का कुल मिलाकर 85.42 किमी की सड़कें पिछले वर्ष अतिवृष्टि व बाढ़ से खराब हुई थीं। इन सड़कों के लिए 5 करोड़ 6 लाख रुपए की निधि की मांग की गई थी। अतिवृष्टि के चलते जिले की 15 पुलिया भी खराब हुई थीं। जिसकी मरम्मत के लिए 1 करोड़ 40 लाख रुपए की निधि, इस तरह कुल 7 करोड़ रुपए निधि की मांग सरकार से की गई थी।

88 सड़कें हुई थीं खराब : पिछले वर्ष अतिवृष्टि और बाढ़ के चलते अमरावती जिले के अमरावती, चांदूर रेलवे, मोर्शी, अचलपुर, दर्यापुर और धारणी तहसील की कुल 88 सड़कें खराब हुई थीं। जिला प्रशासन की ओर से इन सड़कों का सर्वे करने के बाद पहले 2754.25 लाख की मदद का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। किंतु सरकार की ओर से समूचे सालभर में हुए नुकसान की संयुक्त रिपोर्ट भेजने के निर्देश आने के बाद 4 दिसंबर 2023 को एक और रिपोर्ट जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी संतोष जोशी के हस्ताक्षर से राज्य सरकार को भेजी गई। जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ।

पहले फडणवीस फिर पाटील बने पालकमंत्री : राज्य में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महायुति की सरकार सत्ता में आने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अमरावती जिले के पालकमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उनके नेतृत्व में मात्र एक बैठक जिलाधिकारी कार्यालय में हुई। उसके बाद भाजपा के चंद्रकांत पाटील पर अमरावती जिले का पालकत्व सौंपा गया। उन्होंने अपने कार्यकाल में मात्र दो बैठकें जिले की समीक्षा के लिए ली थीं। साथ ही सरकार पर निधि मंजूरी के लिए दबाव बनाने जिला परिषद में जनप्रतिनिधि अस्तित्व में नहीं रहने के कारण अमरावती जिले के विकास की ओर सरकार की घोर अनदेखी हो रही है।

संशोधित रिपोर्ट भेजी थी : पिछले वर्ष अतिवृष्टि व बाढ़ से हुए नुकसान की विस्तृत और संशोधित रिपोर्ट 4 दिसंबर 2023 को सरकार को भेजी गई थी। किंतु अभी तक निधि प्राप्त नहीं होने के कारण बाढ़ से हुए नुकसान से सड़कें और पुलिया की मरम्मत का काम अभी तक नहीं हो पाया है। - दिनेश गायकवाड़, मुख्य अभियंता लोनिवि, जिप


Created On :   19 Jun 2024 10:07 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story