जलसंकट: अमरावती में प्रशासन का दावा 30 गांवों में भेजेंगे टैंकर, एक भी जगह नहीं पहुंचे

अमरावती में प्रशासन का दावा 30 गांवों में भेजेंगे टैंकर, एक भी जगह नहीं पहुंचे
  • आदिवासी बहुल मेलघाट में तेजी से गहरा रहा जलसंकट
  • जिले के 376 गांवों पर गहराया जलसंकट
  • शासन-प्रशासन ने नहीं उठाए कोई ठोस कदम

डिजिटल डेस्क, अमरावती । जिले में जहां एक ओर तापमान 40 के पार होने लगा है। वहीं जिले के आदिवासी बहुल मेलघाट में जलसंकट भी तेजी से गहराता जा रहा है। फरवरी माह की शुरुआत से ही जलसंकट का सामना कर रहे चिखलदरा तहसील के आकी गांव की ग्राम पंचायत ने टैंकर से जलापूर्ति की मांग की थी। उसके बाद अब सलोना ग्राम पंचायत के तहत आने वाले ग्राम बेला और कोरडा ग्राम पंचायत में भी चिखलदरा पंचायत समिति को टैंकर से जलापूर्ति करने की मांग का प्रस्ताव भेजा है, लेकिन बेला और कोरड़ा गांव के प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।

इस बार औसत से 25 प्रतिशत कम बारिश होने से जल किल्लत की तीव्र बढ़ने की आशंका कुछ माह पहले ही व्यक्त की थी। जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ओर से इस बार जनवरी माह में 21 करोड़ 18 लाख के संभावित जल किल्लत निर्मूलन कृति प्रारूप तैयार किया था। जिसे जिला प्रशासन ने मान्यता भी प्रदान की थी। इस बार जिले के 376 गांव जलसंकट की छाया में है। जिसमें चिखलदरा तहसील के 120 गांवों का समावेश है। जिला प्रशासन ने 30 गांवों में टैंकर का नियोजन करने का दावा किया है। किंतु वर्तमान स्थिति में चिखलदरा पंचायत समिति अंतर्गत आनेवाले आकी, बेला और कोरडा ग्राम पंचायत में से किसी भी गांवों में टैंकर से जलापूर्ति की शुरुआत नहीं की गई है।

इन गांवों को करनी होगी टैंकर से जलापूर्ति चिखलदरा तहसील के बेला, आकी, बगदरी, खिरपानी, कोरड़ा, भेलखेड़ा, माखला, गवरीढोण, भवई, खोगडा, रायपुर, मोथा, खाड़ीमल, गौलखेड़ा बाजार, सोनापुर, मांजरकापडी, पांच डोंगरी, कारदा, बहादरपुर, सोमवारखेड़ा, धर्मडोह, एकझिरा व चांदुर रेलवे तहसील के सावंगी मग्रापुर तथा तिवसा तहसील के काटसुल, इसापुर, तारखेडा, फतेपुर आदि गांवों को अप्रैल माह में टैंकर से जलापूर्ति की मांग उठ सकती है।

और दो गांवों के प्रस्ताव मिले : सबसे पहले आकी गांव में टैंकर से जलापूर्ति का प्रस्ताव आया था। अब सलोना ग्राम पंचायत के तहत आने वाले बेला और कोरड़ा ग्राम पंचायत क्षेत्र में टैंकर से जलापूर्ति का प्रस्ताव दो दिन पहले ही प्राप्त हुआ है। उसे मान्यता के लिए उपविभागीय कार्यालय में भेजा गया है।" -अनिल धकिते, जापुरी अधिकारी, पं.. स. चिखलदरा

टैंकर की मांग की थी, मिले कुआं अधिग्रहण के आदेश : उल्लेखनीय है कि आकी ग्राम पंचायत में फरवरी माह में ही चिखलदरा पंचायत समिति को गांव में टैंकर से जलापूर्ति करने की मांग का प्रस्ताव भेजा था। पंचायत समिति ने यह प्रस्ताव चिखलदरा उपविभागीय अधिकारी कार्यालय को भेजा था। 15 फरवरी से आकी गांववासियों को चार दिन बाद पेयजल मिल रहा हैं। इस गांव में टैंकर से जलापूर्ति की बजाए उपविभागीय अधिकारी कार्यालय में कुआ अधिग्रहण के आदेश दिए। गांव में ग्राम पंचायत का एक कुआ है। लेकिन उसमें तीन दिन बाद पानी आता है। जिससे यह कुआं अधिग्रहण करने से गांववासियों के संकट का हल होना मुश्किल बताया जा रहा हैं।

Created On :   27 March 2024 3:30 PM IST

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