सर्वेक्षण: दो दिन में मेलघाट में नजर आए 230 प्रजाति के पक्षी

  • मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प ने किया सर्वेक्षण
  • दूसरा बर्ड काउंट प्रोग्राम हुआ
  • विभिन्न राज्यों से 40 पक्षी अभ्यास में हुए शामिल

डिजिटल डेस्क, अमरावती। मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प द्वारा 30-31 दिसंबर और 1 से 2 जनवरी के बीच दूसरा पक्षी सर्वेक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक आदि राज्यों से 40 पक्षी अभ्यास में शामिल हुए। दो दिन में पक्षियों की 230 प्रजाति की उपस्थिति दर्ज की गई।

कार्यक्रम का उद्घाटन आकोट वन्यजीमेलघाट व्याघ्र प्रकल्पव विभाग के शहानूर में मेलघाट की मुख्य वनसंरक्षक तथा क्षेत्र संचालक की जयोति बैनर्जी अध्यक्षता में किया गया। इस समय उप वन संरक्षक अकोट के जयकुमारन, अमरावती के उपवन संरक्षक अमित मिश्रा, मानद वन्यजीव रक्षक डॉ. जयंत वडतकर, अमोल सावंत आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का प्रस्ताविक अकोट वन्यजीव विभाग के उपवन संरक्षक जयकुमारन ने किया। मेलघाट पक्षी विश्व के अभ्यासक डॉ. जयंत वडतकर ने मेलघाट के पक्षियों के अभ्यास का इतिहास, मेलघाट की पक्षी जैवविविधता तथा ई-बर्ड ट्रिप रिपोर्ट पेश की।

मुख्य वनसंरक्षक व क्षेत्र संचालक जयोति बैनर्जी ने सभी का स्वागत कर स्वर्ण महोत्सवी वर्ष में मेलघाट में पक्षी अभ्यास कार्यक्रम की विविधता पर प्रकाश डाला। मेलघाट के चार विभाग के 32 जगह पर टीम रवाना हुई। 31 दिसंबर व 1 जनवरी दो दिन में प्रत्यक्ष में पक्षी अभ्यास व पंजीयन किया। यह सभी जानकारी ई-बर्ड इस संकेत स्थल पर डाली गई। इस अभ्यास से मेलघाट के इससे पूर्व मिले 307 पक्षी प्रजाति में से करीब 230 प्रजाति की पक्षी मिले हैं। कार्यक्रम में विभागीय वनाधिकारी मनोजकुमार खैरनार, वन परिक्षेत्र अधिकारी हर्षली रिठे, वन परिक्षेत्र अधिकारी योगेश तापस, डॉ. सावन देशमुख, डॉ. निशिकांत काले, डॉ. गजानन वाघ, अमोल सावंत, किरण मोरे, स्वप्निल बांगडे, मनीष ढाकुलकर, अतुल तिखे, आनंद विपट ने विशेष परिश्रम किया।

मेलघाट में पक्षी अभ्यास की शुरुआत 150 वर्ष पहले हुई : मेलघाट में पक्षी अभ्यास की शुरुआत लगभग 150 वर्ष पूर्व हुई थी। यहां पक्षियों की प्रथम सूची 1871 में प्रकाशित हुई। आगे मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प की स्थापना होने के बाद तत्कालीन क्षेत्र संचालक डॉ. विश्वास सावरकर ने 240 पक्षियों की सूची प्रसिध्द की थी। चेक लिस्ट में आगे अनेक अभ्यासकों ने यहां पक्षी अभ्यास कर यह सूची 294 तक पहुंचाई। पिछले वर्ष हुए पहले मेलघाट पक्षी सर्वेक्षण में 10 नए पक्षियों की नोंद की गई थी। इस बार एक नए प्रजाति की संख्या बढ चुकी है।

दुर्लभ हरियल पक्षी भी आया नजर : मेलघाट की सूची में समाविष्ट न रहनेवाला हरियल प्रकार का ओरेंज सिने का पक्षी मेलघाट में पहली बार दिखा। इस पंजीयन से मेलघाट के पक्षियों की सूची संख्या 308 पर पहुंच गई। मेलघाट में ज्यादा संख्या में जंगल सातभाई प्रजाति का पक्षी पाया गया। उसके बाद बुलबुल व टोई पोपट पक्षी मिला। महाराष्ट्र के राज्य पक्षी पीले पैर के हरियाल बी भी बड़ी संख्या में पाए गए हैं। विशेष कर यूरोप में तेजी से कम होनेवाला और भारत में शीतकाल में स्थलांतर आनेवाला काला करकोचा (ब्लैक स्ट्रोक) प्रजाति के करीब 250 पक्षी दिखे।

Created On :   6 Jan 2024 1:53 PM IST

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