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लापरवाही: अमरावती में आधी गिरी तीन इमारतों को मनपा ने पूरी तरह नहीं किया जमींदोज
डिजिटल डेस्क, अमरावती। अमरावती में अब सर्वाधिक 35 जर्जर इमारतें मनपा के राजापेठ क्षेत्रीय कार्यालय नंबर -2 अंतर्गत आती हैं। इस क्षेत्रीय कार्यालय अंतर्गत आनेवाली जर्जर इमारतों का आंकड़ा 35 के करीब है। इसमें से चार माह पहले अंबादेवी रोड पर स्थित हंबर्डे ट्रस्ट की जर्जर इमारत का आधा हिस्सा ढह गया था। उसके बाद 23 सितंबर की रात चित्रा टॉकीज रोड पर गोपाल किराना दुकान के पास चंद्रशेखर दानगे की जर्जर इमारत अचानक ढह गई थी। उसके बाद शुक्रवार 6 अक्टूबर को राजकमल चौराहे पर जर्जर खापर्डे बाडे़ की पीछे की इमारत का एक हिस्सा ढह गया। नियम के अनुसार जिस मकान का आधा हिस्सा ढह जाता है , उस इमारत को मनपा की ओर से पूरी तरह गिराना जरुरी रहता है। लेकिन मनपा ने अब तक गिरी तीन जर्जर इमारतों का बचा हुआ हिस्सा अभी तक नहीं गिराया है। इन आधी गिरी इमारतों से किसी भी समय बड़े हादसे की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
वर्तमान में मनपा में यह स्थिति है कि हर बड़ा अधिकारी अपनी जिम्मेदारी दूसरे पर ढकेलते दिखाई देता है। पूर्व निगमायुक्त डा प्रवीण आष्टीकर ने शहर के जर्जर मकानों को लेकर संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के उप अभियंता को पदनिर्देशित अधिकारी घोषित कर इन जर्जर मकानों पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। अंबादेवी रोड़, मालवीय चौक से चित्रा टॉकीज रोड और राजकमल चौक यह तीनों परिसर राजापेठ क्षेत्रीय कार्यालय अंतर्गत आते हैं । तीनों अधूरे ढहे हुए मकानों को पूरी तरह से ढहाने की जिम्मेदारी राजापेठ के उपअभियंता प्रमोद इंगोले की है। लेकिन प्रमोद इंगोले ने इन तीन आधे गिरे मकानों को अभी तक जस के तस रखा है।
कबाड़ तलाशने घुसते हैं : हंबर्डे ट्रस्ट की जर्जर इमारत है। इस इमारत का आधा हिस्सा लगभग चार माह पहले ढहने से उसके नीचे तीन वाहन दब गए थे। इस परिसर में कुछ व्यापारी प्रतिष्ठान और अस्पताल है। वहां आनेवाले लोग इस जर्जर इमारत की आधी दीवार के सामने अपने वाहन खड़े करते हैं। वहीं रात के समय कबाड़ तलाशने कुछ लोग जर्जर मकानों के आसपास घूमते नजर आते हैं।
उप अभियंता पर इन नियमों के तहत हो सकती कार्रवाई : पूर्व निगमायुक्त डा. प्रवीण आष्टीकर ने राजापेठ क्षेत्रीय कार्यालय के उप अभियंता को पदनिर्देशित अधिकारी घोषित कर जर्जर मकानों पर कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंपी थी। महाराष्ट्र मनपा अधिनियम की धारा 63 (22) के अनुसार प्रमोद इंगोले की नैतिक जिम्मेदारी है कि जर्जर इमारतों को नोटिस देकर गिराना चाहिए। अगर एमएनसी एक्ट 264 (3) अंतर्गत जर्जर इमारत गिराने की कार्रवाई नहीं की तो उन पर 397 (अ) (2) के तहत आयुक्त जुर्माना व तीन माह से ज्यादा अवधि के कारावास की कार्रवाई भी प्रस्तावित कर सकते है।ं वहीं एमएनसी एक्ट 72 (क) के अनुसार कार्रवाई में लापरवाही होने पर अधिकारी पर अनुशासन उल्लंघन की कार्रवाई करना आवश्यक है। जिससे अगर निगमायुक्त चाहे तो उप अभियंता को जर्जर मकान कायम रखने के जुर्म में उन पर कार्रवाई भी प्रस्तावित कर सकते हैं।
संबंधित मकान मालिकों को नोटिस देंगे : जो अधूरे मकान अभी तक नहीं गिराए गए, उनके मकान मालिक को नोटिस देकर बचा हुआ हिस्सा स्वयं गिराने के निर्देश देंगे । इस बाबत कार्रवाई के लिए राजापेठ जाेन के उपअभियंता को निर्देश दिए जाएंगे। बावजूद इसके मकान मालिकों ने जर्जर मकानों के बचे हुए हिस्से नहीं गिराए तो मनपा स्वयं कार्रवाई करेगी। -इकबाल खान, शहर अभियंता, मनपा
Created On :   9 Oct 2023 9:03 AM GMT