मनमानी: प्रशासक राज में मनपा ने बिल्डरों को बेच दिया , शहर32 प्लॉट का आरक्षण बदल डाला

प्रशासक राज में मनपा ने बिल्डरों को बेच दिया ,  शहर32 प्लॉट का आरक्षण बदल डाला
  • सांसद वानखड़े ने बैठक में लगाई फटकार
  • सफाई, टैक्स वृद्धि, आवारा जानवर के मुद्दों पर भी प्रशासन की क्लास
  • औद्योगिक व व्यायाम शाला की जगह को भी निवासी क्षेत्र बना दिया

डिजिटल डेस्क, अमरावती। प्रशासक राज में मनमानी की सभी हदें पार कर चुकी महानगर पालिका ने शहर को बिल्डरों के हाथ बेच दिया। ऐसी भयावह स्थिति का भंड़ाफोड़ मंगलवार को सांसद बलवंत वानखड़े व पूर्व पालक मंत्री डॉ. सुनील देशमुख की समीक्षा बैठक में हुआ। शहर के ग्रीन जोन पर गिद्ध नजर लगाए बैठे बिल्डरों के लिए मनपा ने तीन वर्षों में 74 भूखंड व प्लॉट के आरक्षण बदल दिए। जिसमें से 54 मामलों में नगर विकास विभाग की संदिग्ध भूमिका पर भी सांसद ने तीव्र आपत्ति जताई। एक वर्ष में जिन 32 भूखंड/प्लॉट के आरक्षण बदले गए। उनमें अधिकांश ग्रीन जोन (कृषि उपयोग) को निवासी क्षेत्र में बदल दिया है। यहां तक बगीचा, स्कूल क्रीडांगण, मार्केट, औद्योगिक और व्यायाम शाला का मैदान को भी निवासी क्षेत्र बना दिया।

इस तरह शासन-प्रशासन यह बिल्डरों के साथ सांठगांठ कर शहर के पर्यावरण का सत्यानाश कर चुका है। ऐसी तीव्र नाराजगी व्यक्त करते हुए सांसद वानखड़े व डॉ. देशमुख ने मनपा के नगर रचना सहायक संचालक घनशाम वाघाड़े को जमकर फटकार लगाई। (चार्ट में देखे कौनसे बिल्डर के लिए कौनसे भूखंड का आरक्षण बदला)

सफाई पर एक सप्ताह में निर्णय : बैठक में सर्वप्रथम शहर के विविध प्रभाग में व्याप्त गंदगी का मुद्दा उपस्थित किया गया। कांग्रेस के शहर अध्यक्ष बबलू शेखावत शहर में सफाई का बंटाधार, बेतहाशा संपत्ति कर वृद्धि पर आक्रामक हो उठे। उन्होंने कहा कि शहरवासियों को संपत्ति कर में मनमानी बढ़ोतरी बिलकुल स्वीकार नहीं है। पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे ने शहर में आवारा मवेशियों और घुमंतुओं की बढ़ती दादागिरी व गंदगी को लेकर प्रशासन को आड़े हाथों लिया। विलास इंगाेले तथा शिवसेना के पूर्व पार्षद प्रदीप बाजड ने मनपा के सामने ही गंदगी का आलम दिखाई देने का मुद्दा उठाया। कई बार नालियां साफ होती हैं, लेकिन कचरा नहीं उठाया जाता। इस पर मनपा उपायुक्त महेश देशमुख नेे कई जगहों पर कर्मचारी कम पड़ने की बात कही। सफाई कर्मचारियों की बायोमैट्रिक हाजरी व नए कंटेनर खरीदकर एक सप्ताह के भीतर सफाई के काम में सुधार लाने का आश्वासन निगमायुक्त सचिन कलंत्रे ने सांसद को दिया।

डेढ़ गुना टैक्स वृद्धि केवल राजनीतिक घोषणा : मनपा द्वारा 2023 में किए गए कर निर्धारण व कर मूल्यांकन के तहत शहरवासियों पर लगाए गए संपत्ति कर में बेशुमार वृद्धि किए जाने का मुद्दा जब बैठक में चर्चा में आया तब उपायुक्त महेश देशमुख ने जानकारी दी। उनके अनुसार 2023-24 के पहले आर्थिक वर्ष में 40 करोड़ रुपए संपत्ति कर वसूली हुई और मार्च से अब तक 23.5 करोड़ इस तरह कुल अब तक 63 करोड़ के बीच संपत्ति कर वसूली हुई।

इस समय मनपा द्वारा चैरिटेबल ट्रस्ट की संपत्ति को कमर्शियल टैक्स लगाने पर भी आपत्ति दर्ज की। जिस पर आयुक्त ने जिन लोगों को ज्यादा टैक्स आया। उनकी शिकायत मिलने पर उसका समाधान करने का आश्वासन किया। इस समय यह भी बताया कि अकोला में हाईकोर्ट का निर्णय जो हुआ वह 2019 का था। लेकिन वर्तमान में उसे वायरल किए जाने से शहरवासियों में संभ्रम रहने से मनपा को स्पष्टीकरण देने के लिए कहा। इस समय उपमुख्यमंत्री अजित पवार के आदेश पर डेढ़गुना टैक्स वृद्धि की गई घोषणा राजनीतिक रहने की बात स्पष्ट की गई। संपत्ति कर के मुद्दें पर फिलहाल हाईकोर्ट में मामला चल रहा है। मनपा ने कोर्ट में से दाखल किया। किंतु राज्य सरकार ने से दाखल करने 15 दिन का समय मांगने की बात आयुक्त ने सांसद को बताई।

आवारा जानवरों के मालिकों पर कार्रवाई करो : शहर में अनेकों जगहों पर आवारा जानवर रास्ते के बीच में बैठ जाते हंै। जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। इससे पहले पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख द्वारा मनपा में ली गई बैठक में आवारा जानवरों के मालिकों पर कार्रवाई के साथ ही मनपा क्षेत्र में कितने पशुपालक है और उनके पास कितने जानवर है। इसकी जानकारी रखने के निर्देश दिए थे। जिस पर मनपा के पशु वैद्यकीय अधिकारी डॉ. सचिन बोंद्रे ने बताया कि अब तक 280 जानवरों को पकड़कर गौरक्षण में रखा गया है और 15 गौवंश मालिकों पर मामले दर्ज किए। मनपा क्षेत्र में 1 लाख 37 हजार के करीब जानवर है।

अनेक ग्रीन जोन का बदला आरक्षण : मनपा के पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे और शहर अध्यक्ष बबलू शेखावत ने मनपा में भूखंड का आरक्षण बदलने का मुद्दा उपस्थित किया। तब बताया कि सभागृह में आमसभा के दौरान 32 प्रस्ताव कलम 37 के तहत फेरबदल किए गए थे। वह प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेजे गए। जिस पर नगर विकास विभाग ने कोई निर्णय नहीं लिया। बावजूद इसके प्रशासक व निगमायुक्त को आरक्षण बदलने का अधिकार न रहते हुए भी पूर्व निगमायुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर व देवीदास पवार के कार्यकाल में 32 प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेजकर उनका आरक्षण बदला गया। जबकि शासन से मंजूरी मिलने के पहले ही यह करतूत की। जिसमें मौजा बडनेरा का एक भूखंड बदला गया।

महाजनपुरा मेंं भूखंड क्रमांक 472 का पहला आरक्षण सब्जी मंडी का था। वहां हॉकर्स गाडियां खडी करते थे। यह जगह 1.55 हेक्टेयर है। उसका आरक्षण बदलकर निवासी प्रायोजन के लिए किया गया और जगह बिल्डर को दी गई। रहाटगांव की जगह का आरक्षण बदलकर वह सचिन झंवर और तीन को दिया गया। अमरावती पेठ का कृषि जमीन का आरक्षण बदलकर विवेक रामराव पाटील और 11 को दिया गया। शहर के विविध यानी कुल 32 भूखंड का आरक्षण बदला गया। जिनमे अधिकांश ग्रीन जोन के आरक्षण को निवासी जोन में तब्दिल कर इस जगह का लाभ सुरेश तलडा, वरुन प्रणव मालु, श्याम चौधरी, दीपक लोखंडे, सुभाष तलडा, संजय भारानी जैसे बिल्डरों को दिए जाने की बात सामने आई। जिस पर सांसद बलवंत वानखडे ने नगर रचना विभाग के अधीक्षक घनश्याम वाघाडे को फटकार लगाई।

इर्विन का होर्डिंग हटाने पर विवाद : डॉ. सुनील देशमुख ने कहा कि मनपा सदन ने निर्णय लिया था कि राजकमल चौराहे पर किसी का भी होर्डिंग नहीं लगेगा। लेकिन वर्तमान में वहां अनेकों होर्डिंग लगाए जाते हैं। बाजार लाइसेंस विभाग के उदय चव्हाण को जमकर फटकारते हुए इर्विन चौक पर पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर व बलवंत वानखड़े के होर्डिंग का मुद्दा उपस्थित किया । वहां 6 माह के लिए टैक्स भरे जाने पर भी सांसद के होर्डिंग पर दूसरा होर्डिंग कैसे लगाने दिया गया? यह बिना अनुमति का एक होर्डिंग अभी तक नहीं हटाने पर कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत ने आपत्ति दर्ज की। यह होर्डिंग तत्काल हटाने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा शहर में लगे हुए सभी अनधिकृत होर्डिंग तत्काल हटाने के निर्देश दिए गए।


Created On :   28 Aug 2024 10:48 AM GMT

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