मिसाल: अमरावती की जेल में बंदी मना रहे रमजान, रोजा रख रहे हिंदू हों या मुसलमान

अमरावती की जेल में बंदी मना रहे रमजान, रोजा रख रहे हिंदू हों या मुसलमान
  • अमरावती जेल में 151 कैदी रख रहे रोजा
  • कारागृह प्रशासन ने किया विशेष प्रबंध
  • आधी रात से बनने लगता है भोजन

डिजिटल डेस्क, अमरावती। मुस्लिमों का पवित्र माहे रमज़ान शुरू है। जेल में सजायाफ्ता कैदी भी रोज़ा रखकर इबादत में लगे हैं। एेसे में कुछ हिंदू कैदियों ने भी उपवास (रोज़ा) शुरू किए हैं। अमरावती मध्यवर्ती कारागृह में राज्य के विविध क्षेत्रों से सजायाफ्ता कैदी सजा काट रहे हैं। मौजूदा स्थिति में जेल के भीतर 1200 से अधिक कैदी हैं। जिसमें से इस बार 151 कैदी रमजान के महीने में उतने ही शिद्दत से नियमों का पालन कर रोजा रख रहे हैं। जेल प्रशासन द्वारा उनके लिए विशेष व्यवस्था की हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे हिंदू कैदी भी है, जो पहले से हर साल रोजा रखते हैं। ऐसे कैदियों की संख्या 7 से 8 हैं।

बंदी रक्षक देते हैं सहरी करने की सूचना : जेल प्रशासन द्वारा कैदियांे को सहरी का सामान उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ ही बैरेक पर तैनात बंदी रक्षक रोजा रखने वाले कैदियों को सहरी का समय होने की सूचना देते है। जिसके बाद रोजा रखने वाले कैदी बैरेक में एकत्र होकर एक साथ सहरी करते हंै। जिसके बाद शाम को सभी लोग बैरेक के बाहर एक साथ इफ्तार करते हंै।

रात 2 बजे से शुरू होती सहरी की तैयारी : जेल की दीवार में धर्म की दीवार निर्मित न हो, इसके लिए सभी मुख्य त्योहार मनाने की अनुमति कैदियों को रहती हैं। ठीक इसी तरह रमजान में भी रोजा रखने वाले कैदियों के लिए रात 2 बजे से ही सहरी की व्यवस्था शुरू होती है। - कीर्ति चिंतामणि, जेल अधीक्षक

आधी रात को बनाया जाता है भोजन रोजा रख रहे कैदियों के लिए तड़के 3 से 4 बजे के पहले भोजन की व्यवस्था कारागृह प्रशासन द्वारा की गई है। ऐसे में आधी रात को कैदियों की सहरी के लिए भोजन बनाया जा रहा है। ताकि सहरी कर रोजा रख सके। इसके अलावा शाम को इफ्तार के लिए भी जेल प्रशासन द्वारा खाद्य सामग्री व्यवस्था की जा रही है। वैसे जेल में सभी के लिए नियम समान है, लेकिन विविध समाज के त्योहारों में कैदी भी अपने त्योहार मनाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं।

Created On :   22 March 2024 12:35 PM GMT

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