हेराफेरी: चोरी के ट्रकों के फर्जी रजिस्ट्रेशन का मामला, डिप्टी आरटीओ बागड़ी को अग्रिम जमानत

चोरी के ट्रकों के फर्जी रजिस्ट्रेशन का मामला, डिप्टी आरटीओ बागड़ी को अग्रिम जमानत
  • गिरफ्तारी से बचने के लिए बागड़ी अंडर ग्राउंड हो गए थे
  • नई मुंबई पुलिस की एसआईटी द्वारा दो महीने से की जा रही जांच
  • 8 ट्रकों को न्यू रजिस्ट्रेशन (आरएमए) दिये जाने का मामला आया सामने

डिजिटल डेस्क, अमरावती। अरुणाचल प्रदेश, असम, मिजोरम जैसे अदर स्टेट के ट्रकों का फर्जी रजिस्ट्रेशन किये जाने के मामले में फरार अमरावती के डिप्टी आरटीओ राज बागड़ी को हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत मंजूर कर दी है। नई मुंबई की गिरफ्तारी से बचने के लिए बागड़ी अंडर ग्राउंड हो गए थे। इसके पूर्व नई मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने तीसरी बार मुंबई बुलाकर गिरफ्तार किए अमरावती के तीनों आरटीओ अधिकारियों की जमानत पर आज सुनवाई होने जा रही है अमरावती आरटीओ के तीन अधिकारियों असिस्टेंट आरटीओ सिद्धार्थ ठोके, असिस्टंेट इन्स्पेक्टर गणेश वरूठे व असिस्टेंट इन्स्पेक्टर भाग्यश्री पाटील 30 अप्रैल से मुंबई की जेल में हैं।

नई मुंबई पुलिस की एसआईटी द्वारा दो महीने से की जा रही जांच में अमरावती आरटीओ द्वारा अरुणाचल प्रदेश के 8 ट्रकों को न्यू रजिस्ट्रेशन (आरएमए) दिये जाने का तथ्य सामने आया। इसी मामले में एक महीने पहले इससे संबंधित दस्तावेजों की जेरॉक्स कॉपी नई मुंबई पुलिस ने अमरावती आरटीओ से ले गई थी। तभी से गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। इसी दौरान अमरावती के उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राज बागड़ी अचानक अवकाश पर चले गए थे। तीन आरटीओ की गिरफ्तारी से उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दे रखी थी।

8 ट्रकों के ओरिजनल दस्तावेज बुलाए : नई मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा अमरावती आरटीओ से अरुणाचल प्रदेश समेत अदर स्टेट के जिन 8 ट्रकों को न्यू रजिस्ट्रेशन देकर पासिंग कराया। उनके सभी ओरिजनल दस्तावेज मंगवाए थे। अमरावती आरटीओ के संबंधित क्लर्क ने सोमवार को यह सभी ओरिजनल दस्तावेज नई मुंबई पुलिस की एसआईटी को दिखाए। जिसके बाद मंगलवार 7 मई को अमरावती वापसी के लिए रवाना हो गया।

संवैधानिक फोरम की कड़ी आपत्ति : इस पूरे मामले में लोकसेवक संवैधानक अधिकार संरक्षक मंच ने नई मुंबई पुलिस की ओर से आरटीओ अधिकारियों पर की गई कार्रवाई को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, पुलिस महासंचालक व परिवहन आयुक्त को सौंपे 92 पन्नों के पत्र में इस फोरम ने साफ कहा कि पुलिस को आरटीओ अधिकारियों पर कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। यह मामला आरटीओ की सीमा क्षेत्र का है। जिससे इस मामले में आरटीओ द्वारा ही मामला दर्ज किया जाना चाहिए था। इस तरह के कुल 13 मुद्दे उपस्थिति करते हुए फोरम ने कहा है कि हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के अनुसार आरटीओ नागपुर ग्रामीण के अधिकारियों को झूठी जानकारी देने वाले आवेदक व एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश परिवहन आयुक्त, मुंबई को दिए जाने चाहिए।

Created On :   8 May 2024 2:37 PM IST

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