संकट: कौड़ियों के दाम संतरा बेचने की नौबत, उत्पादकों को उठाना पड़ रहा भारी नुकसान

कौड़ियों के दाम संतरा बेचने की नौबत, उत्पादकों को उठाना पड़ रहा भारी नुकसान
  • अमरावती जिले में होता है 1 लाख हेक्टेयर में संतरा
  • बांग्लादेश ने संतरा पर आयात कर पांच गुना बढ़ाया
  • मिट्‌टी मोल कीमत में संतरे बिकने से उत्पादक किसान परेशान

डिजिटल डेस्क, अचलपुर(अमरावती)। बांग्लादेश सरकार ने संतरे पर आयात शुल्क 5 गुना बढ़ा दिया है। इस कारण संतरा उत्पादक परेशान हैं। बांग्लादेश संतरे का सबसे बड़ा आयातक है। आयात कर बढ़ने से संतरे महंगे हो गए हैं। पिछले 2 वर्षों में निर्यात काफी कम होने से मिट्‌टी मोल कीमत में संतरे बिकने से उत्पादक किसान परेशान हैं। यदि भारत सरकार बांग्लादेश सरकार के साथ बातचीत करे तो इसका समाधान हो सकता है। दो साल की तरह इस साल भी कौड़ी मोल कीमत में संतरे की कीमतों की चिंता किसानों को सता रही है।

कुछ साल पहले बांग्लादेश में आयात कर 20 टका प्रति किलोग्राम (बांग्लादेशी मुद्रा) था, पिछले साल इसे बढ़ाकर 88 कर दिया गया और इस साल इसे बढ़ाकर 101 कर दिया गया है, जिसे बांग्लादेश के व्यापारी और स्थानीय व्यापारी आर्थिक रूप से वहन नहीं कर सकते। इससे बांग्लादेश में संतरे की मांग घट गई है। बढ़ा हुआ टैक्स एक बड़ी बाधा है। देश में संतरे की खेती महाराष्ट्र, पंजाब, मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों में की जाती है लेकिन इनमें से अकेले महाराष्ट्र के अमरावती जिले का क्षेत्रफल सबसे ज्यादा है ​। यहां 1 लाख हेक्टेयर, जबकि नागपुर जिले में 25 हजार हेक्टेयर और शेष महाराष्ट्र में 25 हजार हेक्टेयर है।

राज्य में संतरे का उत्पादन 1 मिलियन टन से अधिक है। बांग्लादेश में निर्यात पहली पसंद है। पांच साल पहले, 2 मिलियन टन संतरे बांग्लादेश को निर्यात किए जाते थे। कुल उत्पादन का 25 प्रतिशत बांग्लादेश में बेचा जाता था। हालांकि वर्तमान में उंगली पर गिने जा सकने वाले संतरे के ट्रक बांग्लादेश की सीमा को पार कर रहे हैं, इससे घरेलू बाजार में संतरे की बिक्री पर बोझ पड़ा है और कीमत पर काफी असर पड़ा है। हालांकि आयात कर निर्धारित करने की नीति बांग्लादेश सरकार का आंतरिक मामला है।

निर्यात सुविधाजनक : बांग्लादेश की सीमा करीब है और माल सीमा पार ट्रकों द्वारा ले जाया जाता है। परिवहन लागत अन्य देशों की तुलना में कम है, इसलिए संतरे बांग्लादेश को बेचना आर्थिक रूप से बहुत सुविधाजनक है। -रामदास भोजने, संतरा उत्पादक किसान, बोदड़

दाम बढाए जाएं : संतरे का उत्पादन तभी लाभदायक हो सकता है जब संतरा उत्पादकों को मौके पर 35 से 40 रुपये प्रति किलो का भाव मिले। पिछले 5 वर्षों से संतरा उत्पादकों को 5 से 20 रुपये प्रति किलो तक ही दाम मिल रहे हैं। इससे संतरा उत्पादकों का भारी नुकसान हो रहा है। सरकार को इसका तुरंत समाधान करना चाहिए। -राजेंद्र गोरलेए सभापति, कृषि मंडी, अचलपुर

Created On :   18 July 2024 12:07 PM IST

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