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पहल: अमरावती में स्मार्ट मीटर के लिए सर्वे शुरू, अब जितने पैैसे , उतनी बिजली
- अमरावती शहर विभाग में 1,65,721 उपभोक्ता पहले
- बाकी तीन विभागों में 5,98,755 विद्युत उपभोक्ता
- शहर स्तर से होगी शुरुआत
त्रिदीप वानखड़े, अमरावती। इलेक्ट्रॉनिक बिजली मीटर की जगह अब स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने जा रहे हैं। इस तरह अप्रैल 2024 से बिजली दर वृद्धि के शॉक के बाद अब विद्युत ग्राहकों को फिर जोर का झटका लगने जा रहा है। केंद्र सरकार की संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के अंतर्गत यह मुहिम चलाई जाने वाली है। इसके प्रथम चरण का काम शहरी स्तर पर शुरू हो चुका है। अमरावती जिले में स्मार्ट मीटर लगाने का जिम्मा संभाल रही निजी एजेंसी पॉलीकेम ने पिछले माह अप्रैल-2024 से सर्वेक्षण का शुरू कर दिया है। घरेलू, वाणिज्य, ओद्योगीक, कृषि समेत सभी कैटगरी के कुल मिलाकर 7 लाख 64 हजार 476 बिजली ग्राहक अमरावती जिले में हैं। उनमें अमरावती शहर विभाग में 1,65,721 और जिले के बाकी तीन विभागों अचलपुर, अमरावती ग्रामीण व मोर्शी में कुल 5,98,755 विद्युत उपभोक्ताओं का समावेश हैं। पहले शहरी स्तर पर यह सर्वेक्षण हो रहा है।
ट्रान्सफॉर्मर से लेकर केबल बदलेंगे : बिजली महावितरण कंपनी के अधिकृत सूत्रों के अनुसार स्मार्ट मीटर की रिचार्ज राशि समाप्त होने पर स्वचालित रूप से बिजली की आपूर्ति बंद करने के लिए प्रोग्राम किया गया है। इसका साफ अर्थ है कि मोबाइल की तर्ज पर पहले स्मार्ट मीटर रिचार्ज करने पर ही आपको बिजली मिलने वाली है। इस तरह के प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के लिए केबल और ट्रान्सफॉर्मर बदलने की भी जरूरत पड़ सकती है। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक संपूर्ण देशभर में आरडीएसएस स्कीम के तहत यह नई व्यवस्था लागू करने का लक्ष्य रखा है।
आचार संहिता : प्रिवेंटिव टेंडरिंग : लोकसभा चुनाव तो निपट गए, लेकिन महाराष्ट्र में पांचवां चरण 20 मई को समाप्त होने तक आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी। जिसके कारण अमरावती जिले में मानसून पूर्व मेंटनेंस के कार्यों के लिए प्रिवेंटिव टेंडरिंग निपटा ली गई है। जिसके तहत इनपैनल मेंटनेंस के काम निपटाए जा रहे है।
Created On :   18 May 2024 4:04 PM IST