सुरक्षा: किसानों के शेड में रखा व्यापारियों का अनाज हटाया, अब रहेगा किसानों का अनाज

किसानों के शेड में रखा व्यापारियों का अनाज हटाया, अब रहेगा किसानों का अनाज
  • किसानों के अनाज की सुरक्षा के लिए लोहे के चार बडे शेड बनाए गए
  • शेड में किसानों का माल कम और व्यापारियों का माल ज्यादा
  • किसान नेताओं के हंगामे के बाद प्रशासन ने लिया निर्णय

डिजिटल डेस्क, अमरावती । स्थानीय कृषि उपज मंडी में सोमवार से मानसून पूर्व तैयारी आरंभ की गई है। हर वर्ष मानसून में कृषि उपज मंडी में खुले में रखा गया किसानों का अनाज गीला होने से किसानों का भारी नुकसान हुआ है। कृषि मंडी में किसानों के अनाज की सुरक्षा के लिए लोहे के चार बडे शेड बनाए गए है। किंतु इन सभी शेड में किसानों का माल कम और व्यापारियों का माल ज्यादा रहता है। इस कारण सोमवार को कृषि उपज मंडी प्रशासन ने लोहे के शेड में रखा व्यापारियों का माल हटाने की मुहिम शुरू कर दी।

उल्लेखनीय है कि कृषि मंडी में बनाए गए टीन के चार बडे शेड में लगभग 10 हजार बोरे अनाज सुरक्षित रखने की क्षमता है। हालांकि यह चारों शेड किसानों का माल सुरक्षित रखने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। किंतु इस शेड पर व्यापारियों ने अतिक्रमण कर किसानों से खरीदा हुआ माल रखा हुआ है। वर्तमान में बेमौसम बारिश पिछले चार दिनों से कहर ढहा रही है। इसीबीच कृषि मंडी में मानसून पूर्व तैयारी के चलते सोमवार से यह टीन के शेड खाली करने की मुहिम शुरू कर दी है। पिछले वर्ष मानसून में अचानक आई बारिश के कारण किसानों के सैकडों अनाज केशेड में किसानों का माल कम और व्यापारियों का माल ज्यादा बाेरे गिले होने से किसानों का भारी नुकसान हुआ था। इस कारण नुकसानग्रस्त किसानों का माल खरीदने के लिए किसान नेताओं ने कृषि उपज मंडी में भारी हंगामा किया था। इस कारण कृषि उपज मंडी प्रशासन ने इस वर्ष पहले ही चारों शेड खाली करने की मुहिम तेज कर दी।

सहायक सचिव भेटालू निलंबित वानखडे़ बने प्रभारी सचिव : अचलपुरस्थानीय कृषि उपज मंडी में बड़ा घटनाक्रम हो गया है। 13 मई को सहायक सचिव मंगेश भेटालू को निलंबित कर दिया गया, एक अन्य प्रभारी सचिव अमर वानखड़े को प्रभारी सचिव बनाने का फैसला लिया गया। मंडी संचालकों की बैठक में यह फैसला लिया गया।एक स्वतंत्र जांच और हालिया ऑडिट रिपोर्ट में अचलपुर बाजार समिति पर पिछले कुछ वर्षों में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। जिसके कारण सहकारी क्षेत्र में उक्त भ्रष्टाचार को लेकर कई तरह की चर्चाएं छिड़ गई हैं।इसके मुताबिक संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मंडी संचालकों की 13 मई को हुई बैठक में सहायक सचिव मंगेश भेटालु को निलंबित करने का मुद्दा चर्चा के लिए रखा गया था। साथ ही पिछले कुछ महीनों से पर्यवेक्षक पद पर रहे अमर वानखड़े को सचिव पद का प्रभार भी सौंपा गया। सचिव को प्रभारी बनाया और उन्हें उनके मूल आस्थापना में वापस लाया गया। बहुमत की सहमति से अमर वानखड़े को जिम्मेदारी सौंपी गई। इन दोनों कर्मचारियों के संबंध में सर्वसम्मति से निर्णय लिये जाने के बाद यह प्रश्न उठा कि सचिव पद का रिक्त प्रभार किसे दिया जाये, सचिव पद का प्रभार चौहान नामक कर्मचारी को सौंपा गया।

Created On :   14 May 2024 3:00 PM IST

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