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मनमानी: ये आदिवासी इलाका है, यहां डीजल-पेट्रोल एक ही दाम में 150 रु. लीटर मिलता है
- कालाबाजारी करने वाले चांदी कांट रहे
- बोतल व कैन में पेट्रोल-डीजल की बिक्री
- इको टूरिज्म के प्रति घोर उदासीनता
डिजिटल डेस्क, चिखलदरा (अमरावती)। कहीं पर भी इतना महंगा पेट्रोल-डीजल नहीं मिल रहा। जितना पर्यटन नगरी चिखलदरा में बिक रहा है। पेट्रोल-डीजल 130 से 150 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल लेने विवश होना पड़ रहा है। वहीं कालाबाजारी करने वाले चांदी कांट रहे हैं। क्योंकि चिखलदरा में एक अकेला पेट्रोल पंप महीनों से बंद पड़ा है। यह समस्या आज-कल की नहीं है। वर्ष 2014-15 में जब से चिखलदरा में इंडियन आइल का पेट्रोल पंप खुला है। तब से यह ज्यादातर बंद ही रहता है। जिसके कारण मनमाने दामों पर अवैध रूप से पेट्रोल-डीजल खरीदने सैलानियों को विवश होना पड़ रहा है।
मानसून में बिखरे नैसर्गिक सौंदर्य को निहारने के लिए प्रति वर्ष चिखलदरा में पर्यटकों की संख्या बढ़ती हैं। इस बार भी सैलानियों का रुख बढ़ता जा रहा है। लेकिन सुविधा के अभाव में पर्यटकों को समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। जिसका सीधा असर पर्यटन उद्योग पर पड़ रहा है। एक अदद पेट्रोल पंप की समस्या बरसों से हल नहीं हो पा रही है। बोतल व कैन में पेट्रोल-डीजल की बिक्री किसी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकती है। फिर भी शासन-प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। एक तरफ शासन पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने नई नीति घोषित कर चुकी है। लेकिन चिखलदरा जैसे इको टूरिज्म के प्रति घोर उदासीनता व सौतेलापन दूर करने में सरकार कोई पहल करने तैयार नजर नहीं आ रही है। जिसका खामियाजा इस आदिवासी बहुल क्षेत्र को भुगतने के लिए विवश होना पड़ रहा है।
क्या है कारण : चिखलदरा में इंडियन आइल का पेट्रोल पंप यवतमाल के किसी कुमरे को एसटी कोटे से आवंटित हुआ है। लेकिन नियमों के अनुसार खुद संचालित करने की बजाय किराये पर दिये जाने के कारण आए दिन बंद पड़ जाता है।
Created On :   23 July 2024 12:32 PM IST