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तफ्तीश: अमरावती में प्लॉट खरीदी के बहाने फिर 11 लाख की जालसाजी, आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज
- जमीन खरीदी-बिक्री के नाम पर लाखों का हेरफेर
- छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
- पुलिस कर रही मामले की जांच
डिजिटल डेस्क, अमरावती । शहर में सक्रिय भूमाफिया गिरोह का एक के बाद एक काला चिठ्ठा सामने आ रहा है। जहां अब तक गाडगे नगर थाने में जमीन खरीदी-बिक्री के नाम पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी के तीन मामले दर्ज हो चुके हैं। इसी तरह मृतक महिला को जिंदा बताकर प्लॉट बेचकर 11 लाख रुपए से अतुल सुमेरसिंह रघुवशी के साथ जालसाजी की। इस मामले में गाडगे नगर पुलिस ने आरोपी रोशन प्रभुदास मोरे, योगेश वासानी, सचिन बावने, गजानन जवजाल, गणेश धुमाल व एक महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के अनुसार बुटी प्लॉट निवासी अतुुल रघुवंशी की आरोपी रोशन मोरे से एक साल पहले पहचान हुई थी। तब आरोपी ने बताया था कि एक जल्दी में प्लॉट बेचना है। अतुल रघुवंशी ने प्लॉट देखने के बाद खरीदी करने हामी भरी। प्लॉट खरीदी करने के पहले अतुल ने मूल मालिक श्रध्दा नवघरे से मिलने की इच्छा जताई, लेकिन आरोपियों ने बताया कि प्लॉट मालिक की तबीयत ठीक नहीं होने से उपचार के लिए बाहरगांव गए है। जिसके बाद अतुल ने ईसार चिठठी के लिए 5 लाख रुपए दिए। जिसके कुछ दिन बाद दुयम निबंधक कार्यालय में प्लॉट मालिक महिला को लाया गया।
दस्तावेज की जांच करने पर अतुल ने 6 लाख 15 हजार रुपए का चेक दिया, लेकिन प्लॉट संदर्भ में कुछ गड़बड़ रहने की जानकारी अतुल रघुवंशी को पता चलने पर आरोपी फोन नहीं उठा रहे रहे थे। रघुवंशी ने पटवारी कार्यालय में जाकर जानकारी ली तो पता चला कि संबंधित प्लॉट मालिक श्रध्दा नवघरे की पहले ही मौत हो चुकी है। फर्जी महिला को खड़ा कर आरोपी की ठगबाजी सामने आई। अतुल रघुवंशी ने मंगलवार को गाडगे नगर थाने में जाकर शिकायत की। पुलिस ने आरोपी रोशन मोरे,योगेश वासानी, सचिन बावने, गजानन जवंजाल,गणेश धुमाल व एक महिला के खिलाफ धारा 419,420,465,467,468,471,120,34 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दुयम निबंधक कार्यालय के अधिकारियों से होगी पूछताछ : जमीन खरीदी बिक्री को लेकर ठगी के लगातार मामले सामने आ रहे हंै। जहां फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल होता देखा गया है। ऐसे मेंे संबंधित दुयम िनबंधक कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत होने का पुलिस को संदेह है। जिसे लेकर संबंधित कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा सकती है। इसके अलावा शहर में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का भी पर्दाफाश हो सकता है।
Created On :   18 April 2024 4:19 PM IST