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मनमानी से बढ़ा पोल्यूशन: गणेश स्थापना के दिन अमरावती में ध्वनि प्रदूषण नियमों की उड़ी धज्जियां
- एमपीसीबी गणेशोत्सव में लगाती है मुख्य चौराहों पर नाॅइज डिटेक्टर
- अमरावती मनपा क्षेत्र में 581 क्षेत्र साइलेंस जोन घोषित हुए
- ध्वनि व जल प्रदूषण की शिकायतें मिली
डिजिटल डेस्क, अमरावती। दरअसल अस्पताल, कोर्ट और शाला का परिसर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) के नियमों के अनुसार साइलेंस जोन में आता है और ध्वनि प्रदूषण के मापदंडों के अनुसार साइलेंस जोन में सुबह 6 से रात 10 बजे तक लाऊड स्पीकर या डीजी की आवाज 50 डेसिबल और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक 40 डेसिबल रहना जरूरी है। विशेष यह है कि अमरावती शहर का राजकमल चौक एमपीसीबी के नियमों में साइलेंस जोन में गिना जाता है।
विशेष यह है कि इस क्षेत्र में दोपहर के समय रात 10 बजे तक केवल 50 डेसिबल से ज्यादा ध्वनि नहीं रहनी चाहिए। किंतु गणेश स्थापनाके दिन राजकमल चौराहे पर अधिकांश गणेश मंडलों ने मानों शक्ति प्रदर्शन किया और यहां डीजे की आवाज एमपीसीबी के नियमों से कई ज्यादा रहने से ध्वनि प्रदूषण के नियमों की गणेशोत्सव में पहले दिन ही शहर में धज्जियां उड़ती नजर आई। यह केवल शहर के एक ही चौराहे की बात है। अमरावती मनपा क्षेत्र में 581 क्षेत्र साइलेंस जोन घोषित हुए है। जिसमे राजापेठ, नवाथे चौक, इर्विन, खापर्डे बगीचा, बुधवारा, पंचवटी चौक और कोर्ट क्षेत्र का समावेश है। इनमें से राजकमल, इर्विन, बुधवारा और पंचवटी चौक पर एमपीसीबी द्वारा गणेशोत्सव के दौरान 10 दिनों तक नॉईज डिटेक्टर भी लगाए जाते है।
ध्वनि प्रदूषण करनेवाले मंडलों पर कार्रवाई करें
इसी बीच 5 सितंबर को निगमायुक्त सचिन कलंत्रे ने पुलिस आयुक्त को एक पत्र दिया है। जिसमें उन्होंने दहीसाथ चौक निवासी गणेश अनासाने द्वारा की गई शिकायत का उल्लेख करते हुए कहा है कि खापर्डे बगीचा स्थित न्यू आजाद गणेशोत्सव मंडल की ओर से ध्वनि व जल प्रदूषण की शिकायत प्राप्त हुई है।
शहर में कुल 581 साइलेंस जोन क्षेत्र बनाए गए हैं और शहर में निर्माण होनेवाली ध्वनि प्रदूषण के संदर्भ में शिकायत प्राप्त होने पर उस बाबत उचित कार्रवाई करना यह सक्षम प्राधिकरण के रूप में पुलिस प्रशासन का काम है। इस कारण ऐसे मंडलों पर कार्रवाई करने का अनुरोध मनपा आयुक्त ने पुलिस आयुक्त से की है।
Created On :   9 Sept 2024 3:17 PM IST