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कार्रवाई: अमरावती में कपास के बीज दोगुने दाम पर बेचते हुए विक्रेता को रंगेहाथ पकड़ा
- पुराने कॉटन मार्केट के पास कृषि सेवा केंद्र पर दबिश
- मूल कीमत 864 रुपए, बेच रहा था 1800 रुपए में
- डमी ग्राहक भेजकर कालाबाजारी का पर्दाफाश
डिजिटल डेस्क, अमरावती। मानसून ने जिले में दस्तक दे दी है। वहीं किसानों ने खेतों की मशक्कत पूर्ण करने के बाद अब बुआई के लिए बीज खरीदकर अपने घर ले जाना शुरू कर दिया। जिले में सोयाबीन और तुअर के साथ-साथ कपास का उत्पादन बड़े पैमाने पर लिया जाता है। कपास बुआई के लिए किसान अजीत 155 कंपनी का बीज खरीदने को प्राथमिकता देते हैं। जिसे अजीत 155 की बढ़ती मांग को देखते हुए विक्रेताओं ने इस बीज की सरेआम कालाबाजारी शुरू की है। इसकी खबर कृषि विभाग को मिलते ही कृषि विभाग के दल ने शहर के पुराने कॉटन मार्केट स्थित मे. नितिन कृषि केंद्र में डमी ग्राहक भेजकर कृषि केंद्र संचालक नीलेश राजकुमार अग्रवाल (48) को अजीत 155 की 475 ग्राम की बैग जिसकी मूल कीमत 864 रुपए प्रति पैकेट है। वह 1800 रुपए में बेचते हुए पकड़ा गया।
पुराने कॉटन मार्केट के नितिन कृषि सेवा केंद्र में कपास के बीज की कालाबाजारी हाेने की खबर मिलने पर जिला स्तरीय उड़नदस्ते के प्रमुख कृषि विकास अधिकारी मल्ला तोडकर, कृषि उप संचालक उज्ज्वल आगरकर, मुहिम अधिकारी प्रवीण खर्चे, जिला कृषि अधिकारी अजय तलेकर, जिला गुणवत्ता नियंत्रण निरीक्षक सागर डोंगरे, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी दीपक श्रीवास ने पुलिस दल को साथ लेकर बुधवार को दोपहर कपील किशोर पडघण व सुरेश बडगे नाम के दो डमी ग्राहकों को नितिन कृषि सेवा केंद्र में भेजा। वहां दुकान संचालक नीलेश राजकुमार अग्रवाल ने अजित 155 के पांच पैकेट के प्रति 1800 रुपए इस तरह 9 हजार रुपए लेकर उन्हें माल बेचा। जबकि प्रति पैकेट की मूल कीमत 864 रुपए है।
उसी समय इस दस्ते ने निलेश अग्रवाल को बीज की कालाबाजारी करते पकड लिया। उनके दुकान की पूरी जांच-पड़ताल की गई। कोतवाली पुलिस थाने में कृषि बिक्रेता नीलेश अग्रवाल के खिलाफ धारा 420, बीज कानून 1966 की धारा 7 (ड) बीज नियंत्रण आदेश 1983 खंड 8, 9, 18, महाराष्ट्र कपास बीज अधिनियम 1909 की धारा 4 (1) (आई) 11 (1) (4), महाराष्ट्र कपास अधिनियम 2010 के नियम 3 (1), 9 (1) (ए) कपास बीज कीमत नियंत्रण आदेश 2015 खंड 5 (1) (2) (6) (7) के तहत मामला दर्ज किया है।
Created On :   14 Jun 2024 12:33 PM IST