सेवा: डॉक्टर मलेरियाग्रस्त, हाथ में लगी थी सलाइन, फिर भी किया मरीजों का इलाज

डॉक्टर मलेरियाग्रस्त, हाथ में लगी थी सलाइन, फिर भी किया मरीजों का इलाज
  • बीमार होने के बावजूद डा. भोकरे मरीज का इलाज करने अस्पताल पहुंचे
  • डाॅक्टर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
  • डाक्टर के कर्तव्य पारायणता की सर्वत्र प्रशंसा

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली । आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में मरीजों को दर-दर भटकते आसानी से देखा गया है। कई दफा समय पर उपचार नहीं मिलने से मरीजों को मौत के ग्रास में भी समा जाना पड़ता है। लेकिन ऐसी स्थिति में भी कुछ डाॅक्टर आज भी बड़े ही निष्ठा से मरीज सेवा का कार्य कर आदिवासियों के लिए देवदूत साबित हो रहे हंै। इसी कर्तव्य परायणता का उदाहरण भामरागढ़ तहसील के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित लाहेरी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में देखा गया। स्वयं मलेरिया से पीड़ित होने के कारण एक हाथ में सलाइन लगाने के बाद भी दूसरे हाथ से मरीज का उपचार कर दवाइयों की पर्ची लिखते हुए एक डाॅक्टर का वीडिओ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। डा. संभाजी देवराव भोकरे ऐसा वैद्यकीय अधिकारी का नाम है।

मूलत: हिंगोली के निवासी डा. संभाजी भोकरे पिछले कुछ वर्षों से भामरागढ़ जैसे सुदूर इलाकों में सेवा दे रहे हंै। वर्तमान में वे लाहेरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बतौर वैद्यकीय अधिकारी के रूप में कार्यरत है। वर्तमान में जिले में मलेरिया पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। ऐसे में डा. भोकरे भी स्वयं मलेरिया से ग्रस्त है। उन्होंने सोमवार, 15 जुलाई को अपने ही अस्पताल में पहुंचकर एक सलाइन लगाई और उपचार किया। लेकिन इसी समय में कुछ आदिवासी नागरिक अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे। मरीजों को असुविधा न हो इसलिए उन्होंने बाह्य मरीज कक्ष में बैठकर स्वयं मरीजों का उपचार किया। इस समय डा. भोकरे के एक हाथ में सलाइन लगी हुई थी। वहीं वे दूसरे हाथ से मरीजों पर उपचार कर दवाइयों की पर्ची लिख रहे थे।

यहां बता दें कि, लाहेरी ऐसा क्षेत्र है जहां के गांवों में पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं है। जीवनदायनी एम्बुलेंस भी इन गांवों में पहुंच नहीं पाती। इसी कारण कई दफा उपचार के अभाव में भी मरीजों की मृत्यु हो जाती है। ऐसे समय में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान भी अंकित किया जाता है। वहीं अस्पताल में डाॅक्टर व कर्मचारियों पर लापरवाही के आराेप लगाकर रोष भी व्यक्त किया जाता है। लेकिन दूसरे ही चित्र में डा. भोकरे जैसे वैद्यकीय अधिकारी निष्ठा के साथ मरीज सेवा का कार्य कर रहे हैं। उनकी इस कर्तव्य परायणता की सभी स्तरों से वाहवाही की जा रही है।


Created On :   17 July 2024 7:49 AM GMT

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