रसोई गैस हुआ महंगा, चूल्हे पर भोजन पका रहीं महिलाएं

रसोई गैस हुआ महंगा,   चूल्हे पर भोजन पका रहीं महिलाएं
महंगाई की मार, आम आदमी की कमर टूटी

डिजिटल डेस्क, मोर्शी (अमरावती)। महंगे गैस सिलेंडर ने मध्यमवर्गिियों का बजट बिगाड़ दिया है। इसके चलते ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं फिर चूल्हे पर भोजन पका रही हैं। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना के तहत घरों में बड़ी धूमधाम से गैस दिया था ,ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाने से बचें और पर्यावरण का संतुलन भी बना रहे। लेकिन गैस की कीमत में बेतहाशा वृद्धि के चलते गरीब वर्ग गैस का खर्च नहीं उठा पा रहा है। ग्रामीण महिलाएं फिर से चूल्हे की ओर मुड़ गई हैं और बारिश के मौसम के लिए ईंधन इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। गरीब घरों की महिलाएं चूल्हे से छुटकारा पाने की उम्मीद में गैस पर खाना बनाने लगीं, लेकिन गैस की कीमत दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। शुरुआत में कीमत में 2-5 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी, फिर यह 15-20 रुपये तक पहुंच गई। उसके बाद कभी-कभी कीमतों में सीधे तौर पर 50 रुपये की बढ़ोतरी होती थी। ऐसे में गैस मिलना गरीब नागरिक की पहुंच से बाहर हो गया है। गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए सरकारी योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन प्रदान किए गए। शुरुआत में सिलेंडर के दाम कम थे। अब रेट 1100 रुपए हो जाने से यह सवाल खड़ा हो गया है कि लाभार्थी प्रति माह इतनी राशि कहां से लाएंगे। जैसे-जैसे गैस की कीमतें हर महीने बढ़ती जा रही हैं, सभी का बजट चरमरा रहा है। वेतनभोगी और व्यवसायी भी जहां परेशान है, वहीं कम आमदनी वालों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है, जिससे कम आमदनी वाली महिलाएं जलाऊ लकड़ी इकट्ठा करती नजर आ रही हैं।

Created On :   16 Jun 2023 3:26 PM IST

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