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लापरवाही: विकास कार्यों की अनदेखी, 475 करोड़ के जिला विकास के प्रति घोर उदासीनता
- जिला नियोजन की बैठक ही नहीं हो पा रही
- प्रस्तावित निधि को लेकर उठ रहे सवाल
- दो महीनों से इंतजार करना पड़ रहा
डिजिटल डेस्क, अमरावती। जिले के जनप्रतिनिधि कितने कमजोर हो गए हैं या फिर उनका शासन पर दबाव ही नहीं रहा। ऐसे सवाल इसलिए उठने लगे हैं, क्योंकि जिला नियोजन के तहत वर्ष 2024-25 में प्रस्तावित 475 करोड़ के प्रावधान को मंजूरी देने के लिए जिला नियोजन की बैठक ही नहीं हो पा रही है। दो महीनों से इंतजार करना पड़ रहा है। अन्य जिले के पालक मंत्री के राज में शासन की उदासीनता को कोसा जा रहा है।
23 दिनों में भी नहीं निकाला समय : इस मामले में प्रशासन यह दुहाई देे रहा है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता और बाद में विधानसभा के पावस सत्र के कारण जिला नियोजन (डीपीडीसी) की बैठक नहीं हो पाई। जबकि 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो जाने के बाद सीधे 27 जून को विधान सभा का सत्र शुरू हुआ। इस दौरान 23 दिनों में पालक मंत्री चंद्रकांत पाटील कभी भी जिला नियोजन की लंबित बैठक निपटाने का फर्ज निभा सकते थे, लेकिन इस मामले में विपक्षी जनप्रतिनिधियों की ओर से भी कोई दबाव बनाते नहीं देखा गया। जिसके कारण 475 करोड़ के प्रस्तावित जिला नियोजन को कब मंजूरी मिलेगी और कब इतने करोड़ों की निधि का संबंधित सरकारी विभागों को आवंटन कर जिला विकास के कार्य शुरू हो पाएंगे। यह एक बड़ा सवाल बन गया है।
मुंह ताक रहा विपक्ष : हैरत की बात है कि जिला विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण जिला नियोजन की इस साल 2024 में एक भी बैठक नहीं हो पाई है। जबकि नियमानुसार सालभर में कम से कम दो से तीन बैठकें होनी अनिवार्य हैं। इसके पहले भी उप मुख्य मंत्री देवेंद्र फडणवीस के पालकत्व में भी वर्ष 2023 में एक भी बैठक नहीं हो पाई थीं। जिससे लगातार यह दूसरा साल है। फिर भी मुंह ताक रहा विपक्ष हो-हल्ला मचाना तो दूर जिला नियोजन की बैठक के लिए पालक मंत्री पर दबाव डालने की भी पहल करता नजर नहीं आ रहा है।
Created On :   11 July 2024 3:24 PM IST