किसानों को अब भी आस: ज्वारी खरीदी पर अब गोदाम का ग्रहण, उत्पादक किसान परेशान, भंडारण क्षमता खत्म

ज्वारी खरीदी पर अब गोदाम का ग्रहण, उत्पादक किसान परेशान, भंडारण क्षमता खत्म
  • खरीद दर 3 हजार 180 रुपये प्रति क्विंटल
  • सैकड़ों पंजीकृत किसानों ने सरकार को ज्वारी बेचकर अच्छी कीमत हासिल की
  • ज्वारी से भरे ट्रैक्टर गिनती के इंतजार में मंडी परिसर में खड़े

डिजिटल डेस्क, अमरावती। ज्वारी उत्पादक किसानों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले खरीदी और पंजीयन और अब गोदाम की समस्या ने त्रस्त कर दिया है। सरकारी गोदाम की अनाज भंडारण क्षमता समाप्त हो जाने से सरकारी ज्वारी खरीदी पर ग्रहण लग गया है। स्थानीय मंडी समिति में सरकारी ज्वारी खरीद केंद्र है और खरीद दर 3 हजार 180 रुपये प्रति क्विंटल है।

इस बीच सैकड़ों पंजीकृत किसानों ने सरकार को ज्वारी बेचकर अच्छी कीमत हासिल की है। इसी बीच विभिन्न कारणों से खरीद बंद कर दी गई। जिसके बाद करीब 15 दिन तक दोबारा खरीदी को बंद किया गया। यह सरकारी राज्य स्तर पर एक तकनीकी मामला था। खरीदी तहसील स्तर का मामला है और यह तहसील प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में है। इसका कारण यह है कि सरकारी गोदाम की अनाज भंडारण क्षमता समाप्त हो गई है। ऐसे में खरीदी ज्वारी रखने की दिक्कत हो रही है। तुलाई और कटाई का काम बंद हो गया है। ज्वारी से भरे ट्रैक्टर गिनती के इंतजार में मंडी परिसर में खड़े हैं।

धान खरीदी की समय सीमा 31 अगस्त को समाप्त हो रही है। अभी भी 20 से 25 हजार क्विंटल ज्वारी गिनती के इंतजार में है, ऐसे में स्थिति यह बन गई है कि गोदाम में खरीदी पर ग्रहण लग गया है। तहसील प्रशासन से इस समस्या का शीघ्र समाधान करने की मांग की जा रही है।

दिव्यांग कर्मियों की फर्जी नियुक्तियों पर लगेगा अंकुश : शासकीय, अर्ध सरकारी तथा सरकार की ओर से निधि प्राप्त होने वाली संस्थाओं में नियुक्त होने वाले कर्मियों की नियुक्ति पर अब राज्य सरकार ने अंकुश लगाया है। दिव्यांग कल्याण मंत्रालय के अध्यक्ष विधायक बच्चू कडू के निर्देशानुसार दिव्यांगों की नई नियमावली घोषित की गई है। उम्मीदवारों के दिव्यांगत्व की जांच करने का निर्णय दिव्यांग कल्याण मंत्रालय ने लेते हुए 16 अगस्त को इस संदर्भ में शासन निर्णय जारी किया है।

राज्य के शासकीय, अर्ध सरकारी तथा सरकार की ओर से निधि प्राप्त होने वाली संस्थाओं में पद भर्ती होते समय दिव्यांगों को सरकारी नियम के अनुसार चार प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है। सरल सेवा पर नौकरी देते समय भी दिव्यांगों को चार प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। किंतु बोगस दिव्यांग पत्र के आधार पर शासकीय नौकरी व अन्य शासकीय लाभ लिए जाने के अनेकों शिकायतें राज्य सरकार के पास प्राप्त हुई थी। परिणाम स्वरूप सही मायने में दिव्यांग बंधु नौकरी अथवा अन्य लाभ से वंचित रह रहे थे। दिव्यांग मंत्रालय के अध्यक्ष कडू ने इस गंभीर मुद्दे की दखल लेते हुए इस प्रकार के तीन मामलों पर अंकुश रहना चाहिए। इसके लिए नियुक्त होनेवाले उम्मीदवारों की दिव्यांगत्व की जांच करना तथा इसके लिए दिव्यांग नियमावली घोषित करने के लिए दिव्यांग कल्याण विभाग को सूचित किया था।

सही दिव्यांगों को मिलेगा लाभ : दिव्यांग कल्याण विभाग के अध्यक्ष कडूू के अनुसार झूठे दिव्यांग पत्र के आधार पर शासकीय, अर्ध शासकीय संस्थाओं में नौकरी अथवा अन्य लाभ लेकर अनेक लोगांे ने सही मायने में दिव्यांग रहने वाले लोगों का अधिकार छीन लिया। उन्हें वंचित रखने का काम किया। इस कारण एक नियमावली कर दिव्यांग प्रमाणपत्र की जांच करने के संदर्भ के निर्देश यंत्रणा को दिए थे। जिस पर नियमावली घोषित की है। अब प्रमाणपत्रों की जांच होगी और सही दिव्यांगों को लाभ मिलेगा।

Created On :   28 Aug 2024 11:40 AM GMT

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