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खेती-किसानी: अमरावती जिले में 6 लाख 81 हजार हेक्टेर होगा बुआई क्षेत्र , किसानों ने शुरू की तैयारी
- खरीफ मौसम का सूक्ष्म नियोजन करें : जिलाधीश
- .38 लाख मीट्रिक टन खाद का आवंटन मंजूर
- कृषि विभाग के साथ हुई जिला स्तरीय नियोजन बैठक
डिजिटल डेस्क, अमरावती । आगामी कुछ दिनों में खरीफ सीजन शुरू होने जा रहा है। किसानों की दृष्टि से यह काफी महत्वपूर्ण मौसम है। जिले में खाद, बीज, कृषि साहित्य आदि की कमी महसूस ना हो पाएं। इस बारे में दक्षता लेकर खरीफ मौसम का सूक्ष्म नियोजन करने के निर्देश जिलाधिकारी सौरभ कटियार ने कृषि विभाग को सोमवार को दिए। जिले में 6 लाख 81 हजार हेक्टेयर बुआई क्षेत्र हैं।
जिला स्तरीय खरीफ मौसम नियोजन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में राजस्व भवन में समीक्षा बैठक हुई। इस समय वे बोल रहे थे। मुख्य कार्यपालन अधिकारी संतोष जोशी, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी राहुल सातपुते, आत्मा के प्रकल्प संचालक अर्चना निस्ताने, महाराष्ट्र कृषि पणन मंडल के विभागीय व्यवस्थापक दिनेश डागा, महा ऊर्जा के विभागीय व महा व्यवस्थापक प्रफुल तायडे, महाबीज के जिला व्यवस्थापक एस.पी. देशमुख आदि उपस्थित थे। कृषि विषयी जानकारी किसानों उनके गांव में मिलनी चाहिए। प्रात्याक्षिक की संख्या बढ़ाने के साथ ही घरेलू बीज का इस्तेमाल बढ़ाने व नैनो यूरिया का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए किसानों में जनजागरण करने के आदेश जिलाधीश सौरभ कटियार ने दिए। कम ना पड़े बीज-खाद : जिले में खरीफ फसल का औसतन क्षेत्र 6 लाख 81 हजार हेक्टेयर है। सोयाबीन, कपास, तुअर यह मुख्य फसल है।
पिछले वर्ष खरीफ फसल का 6 लाख 76 हजार हेक्टेयर बुआई क्षेत्र था। आगामी मौसम के लिए सोयाबीन, कपास, तुअर, मूंग, ज्वारी, उड़द व मक्का आदि फसलों के लिए 1 लाख 12 हजार 125 क्विंटल बीज की जरूरत है। सोयाबीन इस मुख्य फसल के लिए 98 हजार 758 क्विंटल और कपास के लिए 7 हजार 306 क्विंटल व तुअर के लिए 6 हजार 356 क्विंटल बीज लगेगा। धारणी व चिखलदरा तहसील में मका का बुआई क्षेत्र ज्यादा रहता है। जिससे मका के 4 हजार 980 क्विंटल बीज लगेंगे। किसानों को समय पर बीज उपलब्ध करने के लिए समूचा नियोजन व कार्रवाई करने के निर्देश जिलाधिकारी ने कृषि विभाग को दिए।
60 हजार 650 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध : यूरिया, एसएसपी, डीएबी, संयुक्त व मिश्र खाद आदि सभी खाद के लिए 1 लाख 38 हजार 400 मीट्रिक टन आवंटन मंजूर है। उसमें से 60 हजार 650 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है। शेष अनुमानित खाद समय पर उपलब्ध हाेगा। इसके लिए लगातार प्रयास करने की सूचना दी गई। मोटा अनाज को अच्छी मांग व दाम है। जिले में मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयास करने की सूचना दी गई।
कौन सी फसल के लिए कितने बीज की जरूरत
सोयाबीन के लिए 98,758 क्विंटल
कपास के लिए 7,306 क्विंटल
तुअर के लिए 6,356 क्विंटल
मक्का के लिए 4,980 क्विंटल
Created On :   30 April 2024 4:22 PM IST