खतरा: आईएएस श्रेणी के अधिकारी नहीं देना निगमायुक्त पवार को पड़ सकता है महंगा

आईएएस श्रेणी के अधिकारी नहीं देना निगमायुक्त पवार को पड़ सकता है महंगा
  • मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की थी
  • राज्य के मुख्य सचिव से तत्काल प्रतिज्ञा पत्र दाखिल करने के निर्देश
  • निगमायुक्त देवीदास पवार की नियुक्ति खतरे में

डिजिटल डेस्क, अमरावती। अमरावती मनपा क्षेत्र की जनसंख्या 5 लाख से ज्यादा रहने से अमरावती में आईएएस श्रेणी के मनपा आयुक्त देने की मांग करते हुए शिवसेना जिला प्रमुख सुनील खराटे ने कुछ माह पहले मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की थी। इस याचिका पर गुरुवार को न्यायमूर्ति नितिन सांबरे व न्यायमूर्ति अभय मंत्री की दो सदस्यीय पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। इस मामले में राज्य के उप सचिव ने दाखिल किया हुआ जवाब न्यायालय ने खारिज करते हुए राज्य के मुख्य सचिव से तत्काल प्रतिज्ञा पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

सुनवाई के दौरान न्यायालय ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार का 2016 का एक अध्यादेश है। जिसमें 5 लाख से ज्यादा जनसंख्या की मनपा में आईएएस श्रेणी के अधिकारी देना चाहिए। उसके बाद वर्ष 2023 में राज्य के मुख्य सचिव ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था उसमे मुख्य सचिव ने 2016 के केंद्र के आदेश का उल्लेख करते हुए 5 लाख से ज्यादा जनसंख्या की मनपा में आईएएस श्रेणी का अधिकारी देने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके अमरावती में 2016 से अब तक आईएएस श्रेणी का अधिकारी न देने पर न्यायमूर्ति नितिन सांबरे व न्यायमूर्ति अभय मंत्री ने नाराजगी जताते हुए राज्य के मुख्य सचिव को 4 जुलाई से अपना प्रतिज्ञापत्र दाखल करने के निर्देश दिए। न्यायालय ने इस मुद्दे पर अमरावती मनपा में आईएएस श्रेणी के अधिकारी नहीं देने के मुद्दे पर कड़ी नाराजगी जताने से निगमायुक्त देवीदास पवार की नियुक्ति खतरे में आ गई है।

शहर वासियों के पैसों का गलत इस्तेमाल टालने का प्रयास अमरावती मनपा का आयुक्त पद आईएएस श्रेणी के अधिकारी का है। प्रमोशन पर अधिकारी को नियुक्त किए जाने से मनपा में आर्थिक गड़बड़ी बढ़ी है। अधिकारी पर राजनीतिक दबाव लाकर मनमाने काम किए जा रहे हैं। मनमाना संपत्ति कर बढ़ाया। इसी कारण हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। -सुनील खराटे, शिवसेना जिला प्रमुख

‘मैट’ का स्थगनादेश भी निरस्त : गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले राज्य के नगररचना विभाग ने निगमायुक्त देवीदास पवार का तबादला कर उनकी जगह पर आईएएस श्रेणी के अधिकारी नितिन कापडनीस की नियुक्ति की गई। सरकार ने कापडनीस को तत्काल अमरावती मनपा का आयुक्त पद का कार्यभार स्वीकारने के निर्देश दिए थे। सरकार के आदेश पर कापडनीस ने तत्काल अमरावती पहुंचकर पदभार भी स्वीकार किया था। किंतु उसी समय निगमायुक्त देवीदास पवार ने अमरावती मनपा आयुक्त पद पर उनकी नियुक्ति को तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण नहीं होने के चलते मैट में चुनौती दी। जिस पर मैट ने निगमायुक्त देवीदास पवार के तबादले पर स्थगनादेश दिया था। गुरुवार को हाईकोर्ट ने अमरावती आईएएस श्रेणी के अधिकारी के लिए आरक्षित रहते हुए भी यहां आईएएस श्रेणी के अधिकारी नहीं देने पर राज्य के मुख्य सचिव को खडेबोल सुनाए। इस समय न्यायालय ने मैट के स्थगनादेश को भी निरस्त कर दिया। जिससे अब किसी भी समय राज्य सरकार अमरावती मनपा के आयुक्त पद पर आईएएस श्रेणी के अधिकारी की नियुक्ति करेगी।


Created On :   21 Jun 2024 6:56 AM GMT

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