प्रकोप: चिखलदरा में फैलीं संक्रामक बीमारियां , दूषित पेयजल से डायरिया, टाइफाइड हो रहा

चिखलदरा में फैलीं संक्रामक बीमारियां , दूषित पेयजल से डायरिया, टाइफाइड हो रहा
  • मजीप्रा और नगर पालिका की उदासीनता
  • दूषित पानी से बीमारी की चपेट में आ रहे लोग
  • बच्चों एवं महिलाओं की संख्या अधिक

डिजिटल डेस्क, चिखलदरा (अमरावती)। लगातार चार महीनों से भीषण जलसंकट से जूझ रहे चिखलदरा शहर में अब दूषित पेयजल से संक्रामक रोगों का प्रकोप बढ़ गया है। डायरिया और टाइफाइड जैसे गंभीर बीमारियों से शहर के दर्जनों नागरिक ग्रसित हो गए हैं। इनमें बच्चों एवं महिलाओं की संख्या अधिक हैं। फिर भी प्रशासन बेफिक्र है।

चिखलदरा ग्रामीण अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक महीने से दूषित जल से होने वाली बीमारियों के कारण दो सप्ताह में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिसे देखते हुए नगर पालिका को सूचित किया गया है, लेकिन नगर पालिका ने कोई उपाय योजना शुरू करने का कहीं नजर नहीं आ रहा है।

चिखलदरा में महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण (मजीप्रा) कार्यालय में विगत् डेढ़ वर्ष से कोई सरकारी कर्मचारी मौजूद नहीं है। जिस कारण यहां संपूर्ण कार्य ठेकेदार और नौसिखिए कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। जिससे यहां मनमाना कारोबार चल रहा है!

लाखों का टैक्स लेकर भी शुद्ध जलापूर्ति नही : चिखलदरा नगर पालिका में प्रशासक राज के चलते सामान्य नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं की जा रही हैं। लाखों रुपए का टैक्स वसूली करने वाली नगर पालिका यहां के नागरिकों को शुद्ध जल तक पिलाने में सक्षम नजर नहीं आ रही। नगर पालिका और मजीप्रा के इस रवैये से चिखलदरावासियों में काफी रोष देखा जा रहा हैं

शुरुआती बारिश में ही लबालब हो गया जलाशय : चांदूर बाजार. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सीमा निकट सातपुड़ा पहाड़ी से सटकर बसे ग्राम विश्रोली के पूर्णा मध्यम प्रकल्प शुरुआती बारिश में ही लबालब भर गया है। जिससे जलाशय की सुरक्षा को देखते हुए प्रकल्प अधिकारियों ने जल भंडारण नियंत्रित करने का निर्णय लिया है। मंगलवार की सुबह जलाशय का जलस्तर 448.61 नापा गया था। अधिकारियों के मुताबिक जलाशय की सुरक्षा के लिए 31 जुलाई तक निर्धारित जल भंडारण 448.09 घनमीटर होना चाहिए। ऐसे में 56.67 फीसदी जल भंडारण को नियंत्रित करने की जरूरत है। जिसके कारण गुरुवार को सुबह 11 बजे से प्रकल्प के 9 गेट में से 2 गेट 10 सेमी खोल कर 13.94 घन मीटर प्रति सेकंद से पूर्णा नदी में छोड़ा जा रहा है। इसके पूर्व ही प्रकल्प प्रशासन द्वारा इसकी सूचना जारी की गई। सूचना के तहत नदी किनारे रहने वाले सभी गांवों में मुनादी करवाई गईं। साथ ही मछुअारों को भी नदी में न जाने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा चांदूर बाजार, अचलपुर, दर्यापुर, भातकुली के तहसीलदारों को सूचित किया गया। संबंधित ग्रापं को भी सूचित किया गया।

Created On :   28 Jun 2024 4:05 PM IST

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