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Amrawati News: पालक मंत्री बोले-4 घंटों में ही 400 शिकायतें मुझे मिली हैं, अधिकारी कार्य क्षमता सुधार लें
- जिला नियोजन समिति की 126 करोड़ की अखर्चित निधि को लेकर भड़के बावनकुले
- एक सप्ताह की डेडलाइन दी , अफसरों की दो वेतन वृद्धि रोकने के दिए आदेश
Amrawati News जिला नियोजन समिति की शुक्रवार को दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक चली बैठक में पालकमंत्री चंद्रकांत बावनकुले ने रौद्र रूप दिखाया। जिले के सभी आला-अफसरों की कार्यक्षमता के प्रति नाराजगी जताई। समिति की 126 करोड़ रुपयों की निधि खर्च नहीं होने पर उन्होंने संबंधित विभाग प्रमुखों से जवाब-तलब किया। अधिकारियों के टालमटोल और असंतोष जनक उत्तर पर भड़के पालकमंत्री ने भरे सदन में ही वन मंत्रालय, उर्जा मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, नगर विकास मंत्रालय व अन्य विभागों के मंत्री व प्रधान सचिव को फोन लगाया। अधिकारियों की कार्यक्षमता का जिक्र उनकी सेवा पुस्तिका में करने के साथ ही दो वेतन वृद्धि रोकने के सख्त आदेश दिए। जिससे अधिकारियों की घिग्गी बंध गई। पालकमंत्री ने कहा कि मेरे अमरावती दौरे के पहले 4 घंटों में ही 400 से अधिक शिकायतें-निवेदन मिले हैं। प्रशासन के कामकाज पर जनता में प्रचंड रोष है। एक ओर विकास कामों के लिए पैसे नहीं होने की बात कहते हैं। वहीं करोड़ों की निधि खर्च नहीं हो पाई है। इसे सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाने की कड़ी हिदायत भी पालकमंत्री ने इस समय दी।
जिलाधीश सौरभ कटियार ने बैठक की शुरुआत में पिछली बैठक का कार्यवृतांत प्रस्तुत किया। जिसके बाद वर्ष 2023-24 के विभाग वार खर्च नहीं हुई निधि की जानकारी दी। जिसमें वन विभाग, जिला परिषद, स्वास्थ्य विभाग, महानगर पालिका, नगर परिषद जैसे विभागों ने करोड़ों का निधि उपलब्ध होने के बाद भी खर्च नहीं की। जिस पर आगबबूला हुए बावनकुले ने जिलाधीश, सीईओ, निगमायुक्त समेत सभी अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। अगले 7 दिनों के भीतर निधि का उपयोग नहीं किया तो खैर नहीं। ऐसे कड़े शब्दों में लंबित कामों को पूर्ण करने के लिए अधिकारियों को एक सप्ताह की डेडलाइन भी तय कर दी। बैठक में सांसद बलवंत वानखड़े, विधायक सुलभाताई खोडके, विधायक रवि राणा, केवलराम काले, राजेश वानखड़े, चंदू यावलकर, प्रवीण तायड़े, गजानन लवटे, पूर्व विधायक प्रवीण पोटे पाटील समेत जिला नियोजन समिति के सदस्य तथा सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
मेलघाट में 22 गांवों में नहीं पहुंची बिजली : जिले में स्वास्थ्य सेवा की हालत लचर है। जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल समेत ग्रामीण अस्पतालों में दवाइयां, बेड, एम्बुलेंस की सुविधा नहीं है। जिले के मेलघाट में 22 गांवों में स्वतंत्रता के बाद अब तक बिजली नहीं पहुंची। डीपीसी में मंजूर निधि तक खर्च नहीं हो रही। सभी विकास कार्य अधूरे पड़े हंै। इसकी सिलसिलेवार जानकारी जनप्रतिनिधियों ने पालकमंत्री को दी। जिस पर पालकमंत्री बावनकुले ने डीपीओ, सीपीएस, डीएचओ, नप, महावितरण अधीक्षक की जमकर क्लास ली। संबंधित विभाग के मंत्री और सचिव को फोन लाइन पर लेकर संबंधित अधिकारियों की नाकामियां गिनाईं। पालकमंत्री ने बताया, मेलघाट के दुर्गम 22 गावों में बिजली पहुंचाने के लिए 54 करोड़ रुपयों का प्रस्ताव तैयार करवाया जा रहा है। आगामी तीन महीने के भीतर संबंधित प्रस्ताव को मूर्त रूप देकर काम शुरू करेंगे। वर्तमान में उन सभी गावों में सोलर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उपलब्ध कराने के आदेश भी उन्होंने महावितरण और महाऊर्जा विभाग को दिये।
आपदा प्रबंधन हेड में नदियों-उप नदियों का गहराईकरण : बरसात में नदी-नालों का पानी लोगों के घर-खेतों में घुसकर तबाही मचाता है। इसलिए जिला नियोजन के आपदा प्रबंधन निधि से सभी नदी-उपनदियों का गहराईकरण करने के आदेश जिलाधीश और जिला नियोजन अधिकारी को दिए।
16 करोड़ से स्कूलों की बदहाली दूर करें : जिला नियोजन समिति ने मनपा को दी निधि में से 16 करोड़ रुपए खर्च नहीं हुए हैं। यह निधि पालकमंत्री ने मनपा की स्कूलों की बदहाली दूर करने खर्च करने का आदेश दिया। राज्य की सबसे अच्छी स्कूल का मॉडल लेकर उसी तर्ज पर मनपा की स्कूलों को अपडेट करने के आदेश मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे को दिए।
विधायक राणा ने रखा मनपा की नई इमारत का प्रस्ताव : विधायक रवि राणा ने महानगर पालिका मुख्यालय की वर्तमान पुरानी इमारत के स्थान पर सर्व सुविधायुक्त नई इमारत निर्माण का प्रस्ताव पालकमंत्री के समक्ष बैठक में रखा। जिस पर आर्किटेक्ट की नियुक्ति कर मनपा की नई इमारत की डिजाइन तैयार करने के निर्देश पालकमंत्री बावनकुले ने मनपा प्रशासन को दिये हैं।
Live Updates
- 1 Feb 2025 2:35 PM IST
करोड़ों की निधि खर्च नहीं हो पाई
जिला नियोजन समिति की शुक्रवार को दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक चली बैठक में पालकमंत्री चंद्रकांत बावनकुले ने रौद्र रूप दिखाया। जिले के सभी आला-अफसरों की कार्यक्षमता के प्रति नाराजगी जताई। समिति की 126 करोड़ रुपयों की निधि खर्च नहीं होने पर उन्होंने संबंधित विभाग प्रमुखों से जवाब-तलब किया। अधिकारियों के टालमटोल और असंतोष जनक उत्तर पर भड़के पालकमंत्री ने भरे सदन में ही वन मंत्रालय, उर्जा मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, नगर विकास मंत्रालय व अन्य विभागों के मंत्री व प्रधान सचिव को फोन लगाया। अधिकारियों की कार्यक्षमता का जिक्र उनकी सेवा पुस्तिका में करने के साथ ही दो वेतन वृद्धि रोकने के सख्त आदेश दिए। जिससे अधिकारियों की घिग्गी बंध गई। पालकमंत्री ने कहा कि मेरे अमरावती दौरे के पहले 4 घंटों में ही 400 से अधिक शिकायतें-निवेदन मिले हैं। प्रशासन के कामकाज पर जनता में प्रचंड रोष है। एक ओर विकास कामों के लिए पैसे नहीं होने की बात कहते हैं। वहीं करोड़ों की निधि खर्च नहीं हो पाई है। इसे सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाने की कड़ी हिदायत भी पालकमंत्री ने इस समय दी।
Created On :   1 Feb 2025 9:41 AM IST