कार्रवाई: रद्द ले आउट मंजूर करना पड़ा महंगा, अमरावती के तहसीलदार लोखंडे पर निलंबन की गाज

रद्द ले आउट मंजूर करना पड़ा महंगा,  अमरावती के तहसीलदार लोखंडे पर निलंबन की गाज
  • नाला पाटकर पगडंडी भी कर दी बंद
  • प्रवेश मार्ग नियमबाह्य तरीके से नेशनल हाईवे से जोड़ा
  • रद्द लेआउट लोकसभा चुनाव के दौरान केवल 4 दिन में मंजूर कराया

त्रिदीप वानखड़े , अमरावती। अमरावती के तहसीलदार विजय लोखंडे को निलंबित कर दिया गया है। बुधवार की देर शाम मुंबई मंत्रालय की ओर से जिलाधीश कार्यालय को उनके निलंबन के आदेश प्राप्त हुए। जिससे जिले के राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है। अमरावती जिले में 20-25 वर्षों में पहली बार लेआउट मामले में किसी तहसीलदार को सस्पेंड किया गया है।

क्या है मामला : मौजा वड़द में सर्वे नंबर 5 और 6 का प्रवेश मार्ग सुपर नेशनल हाईवे क्रमांक-6 से नियमबाह्य जोड़ा गया। साथ ही नाला पाट दिया। पुराना पगडंडी भी बंद कर दी। हालांकि वर्ष 2022 को गोपाल नगर निवासी संजय गव्हाले की शिकायत पर निगमायुक्त देवीदास पवार ने तत्काल 23 जून 2023 को मौजा वड़द के यह दोनों लेआउट की मंजूरी रद्द कर दी थी। उसके बावजूद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के एक दिन पहले यानि 15 मार्च 2024 को मौजा वड़द में दोनों लेआउट मंजूरी का आवेदन अमरावती मनपा के सहायक संचालक नगर रचना विभाग (एडीटीपी) में पेश किया।

तहसीलदार लोखंडे की एनओसी भी लगाई। जिसके बाद 19 मार्च 2024 को दोनों लेआउट दोबारा मंजूर कर दिए गए। केवल 4 दिनों में रद्द लेआउट दोबारा बहाल कर दिए गए। इस पूरे मामले में मनपा के एडीटीपी के संबंधित अधिकारी भी संदेह के घेरे में है। इसी मामले में शिकायतकर्ता गव्हाले के लगातार फॉलोअप के चलते आखिरकार अमरावती के तहसीलदार विजय लोखंडे को निलंबित कर दिया गया।


Created On :   24 May 2024 7:44 AM GMT

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