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Amravati News: खतरा बरकरार, नि:संदेह विद्यापीठ के भीतर आइए, लेकिन हमारे भरोसे नहीं...
- तेंदुए का डेरा, फिर भी बेफिक्री
- प्रवेश निषेध के बाद भी तालाब में चरवाहे चरा रहे मवेशियों को
- विश्वविद्यालय परिसर में तेंदुए के अलावा बाघ भी चहलकदमी करते दिखा
Amravati News लगभग 118 एकड़ क्षेत्रफल में पसरे संत गाड़गेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रवेश द्वार पर ढाई बाय चार फुट का बड़ा ही सुंदर फलक लगा दिया। नि:संदेह विद्यापीठ के भीतर आइए, लेकिन हमारे भरोसे नहीं। क्योंकि हाल के दिनों में चीता, तेंदुआ तथा बाघ को भी परिसर में विचरण करते देखा गया। विश्वविद्यालय ने एक छोटा-सा फलक लगाकर अपने जिम्मेदारी की इतिश्री कर दी। लेकिन शुक्रवार को विश्वविद्यालय के प्रतिबंधित क्षेत्र में चरवाहे मवेशियों को चराते तो विद्यार्थी बेतरतीबी से घूमते नजर आए।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने वनविभाग को भी इस बाबत सूचित कर दिया। विश्वविद्यालय ने बड़े ही शालीनता के साथ फलक पर दर्शाया, हाल के दिनों में विश्वविद्यालय परिसर में तेंदुए के अलावा बाघ भी चहलकदमी करते दिखा है। नि:संदेह दोनों ही हिंसक प्राणी हैं। वे नासमझ भटक कर सीमोलंघन कर चुके है। लेकिन आप सीमा को मत लांघिये। प्रशासन ने हिंसक प्राणी की एक सीमा भी निश्चित कर दी। विश्वविद्यालय ने प्रतिबंधित क्षेत्र के द्वार पर स्पष्ट लिखा है, ‘प्रवेश निषेध’। लेकिन दरवाजे सभी के लिए ससम्मान खुले मिले। चरवाहे, अपने मवेशियों को बेखौफ तालाब और पोखरों के किनारे चरा रहे हैं। इतना ही नहीं, स्पोर्ट एरिना में बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे तो स्वीमिंग पुल के इर्द-गिर्द कुछ बच्चे नजर आए।
विश्वविद्यालय ने क्या दी सूचना : विवि ने प्रवेश द्वार पर शुद्ध मराठी में लिख दिया, तेंदुआ और बाघ परिसर में मुक्त संचार कर रहे हैं। कृपया शिक्षक, अधिकारी, शिक्षकेत्तर कर्मचारी, छात्र और छात्राओं के अलावा बाहर से आनेवाले नागरिक स्वयं की सुरक्षा के लिहाज से सतर्क रहंे। देर रात तक न घूमें। प्रतिबंधित क्षेत्र में चहलकदमी से बचें। अनुचित घटना और हादसे के लिए विवि जिम्मेदार नहीं होगा।
Created On :   1 Feb 2025 2:32 PM IST