- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- अमरावती
- /
- अमरावती में तुअर के गिरते दामों ने...
Amravati News: अमरावती में तुअर के गिरते दामों ने किसानों की कमर तोड़ी
- पिछले वर्ष 12 हजार रुपये प्रति क्विंटल दाम थे, इस वर्ष 7 हजार
- सोयाबीन, अरहर, चना और कपास की कीमतें भी घटी
- किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा
Amrawati News पिछले साल बारिश की कमी ने तुअर के उत्पादन में कमी से किसानों का नुकसान हुआ। वहीं इस वर्ष भी रोग के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है। प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे रहे किसानों को एक और आर्थिक झटका सहना पड़ रहा है। तुअर का नया माल आते ही दाम धड़ाम से गिर गए। विगत वर्ष में तुअर को 12 हजार रुपये प्रति क्विंटल दाम मिला था। लेकिन इस वर्ष नया माल आते ही तुअर के दाम 7 हजार प्रति क्विंटल हो गए हैं। नया माल आते ही तुअर के दाम में आया यह 5 हजार रुपयों का अंतर किसानों की कमर तोड़ रहा है।
किसानों को उम्मीद थी कि इस वर्ष विधानसभा चुनाव के बाद कृषि उपज की घटी हुई कीमतें बढ़ेंगी; लेकिन सोयाबीन, अरहर, चना और कपास की कीमतें गारंटीशुदा दर से नीचे गिर गई हैं। नाफेड़, सीसीआई में भुगतान की कठिन शर्तों के कारण अधिकांश किसान अपनी उपज निजी व्यापारियों को बिक्री कर रहे हैं। वापसी की बारिश के कारण, खेतों में पानी जमा होने से तुअर पीली हो गई। फफूंद जनित रोग फैलने से तुअर ‘मर’ रोग की चपेट में आ गई। इससे भी किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सरकार पूंजीवाद की, किसानों से कोई लेना-देना नहीं : राज्य में पूंजीवादी सरकार है। इस सरकार को किसानों से कोई लेना-देना नहीं है। मविआ सरकार में तुअर का 12 हजार रुपये प्रति क्विंटल भाव थे। वह भाव आज 7 हजार रुपये क्विंटल तक कम किये हैं। कपास और सोयाबीन को भी अपेक्षित भाव नहीं दिया जा रहा है। जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति खराब है। सरकार के पास किसानों की समस्याओं पर ध्यान देने का समय नहीं है। इस सरकार को सिर्फ किसानों की मौत दिखती है और कुछ नहीं। अमरावती में किसानों की तुअर की कीमत बाजार तक पहुंचने से पहले ही 5 हजार से गिर गई। किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। -यशोमति ठाकुर, पूर्व मंत्री तथा कांग्रेस नेत्री
Created On :   9 Jan 2025 11:41 AM IST