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फैसला: चुने हुए संचालकों को नहीं हटा सकते, अविश्वास प्रस्ताव खारिज, समर्थकों को मिली राहत
- संचालक मंडल को घेरने के प्रयास हुए विफल
- उपनिबंधक कार्यालय ने सुनाया फैसला
- बच्चू कडू के नेतृत्व में पैनल ने किया था कब्जा
डिजिटल डेस्क, अमरावती। अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक पर 40 वर्षों से कांग्रेस समर्थित सहकार पैनल का एकछत्र राज था। दो वर्ष पहले हुए चुनाव में भी सहकार पैनल के 14 संचालक निर्वाचित हुए थे। किंतु विधायक बच्चू कडू के नेतृत्ववाले पांच सदस्यीय परिवर्तन पैनल ने सहकार पैनल के पांच सदस्यों को अपने पक्ष में कर जिला बैंक पर कब्जा किया था। विधायक बच्चू कडू जिला बैंक के अध्यक्ष बने और अपक्ष संचालक अभिजीत ढेपे उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। उसके बाद विपक्षी संचालकों ने विधायक बच्चू कडू को घेरने के अनेकों प्रयास किए। सत्तारुढ़ दल के पांच संचालकों के खिलाफ 12 फरवरी को अविश्वास प्रस्ताव लाया था। जिला उपनिबंधक कार्यालय ने यह प्रस्ताव खारिज कर दिया है। इस कारण विधायक बच्चू कडू समर्थित पांच संचालकों को राहत मिली है। मंगलवार को इसकी जानकारी बैंक को दी गई।
12 फरवरी को जिला बैंक के संचालक सुरेश साबले व अन्य 13 सदस्यों ने विधायक बच्चू कडू के समर्थक समझे जानेवाले संचालक नरेशचंद्र पंजाबराव ठाकरे, जयप्रकाश दयाराम पटेल, आनंद नंदकुमार काले, अजय शंकरराव बेहकरे, चित्रा प्रशांत डहाणे को निष्कासित करने का प्रस्ताव विभागीय सहनिबंधक कार्यालय को भेजा था।
जिस पर 20 फरवरी को जिला उपनिबंधक शंकर कुंभार ने जिला बैंक को भेजे पत्र में कहा है कि जिन कारणों के लिए पांच संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया। उसकी जांचपड़ताल करने पर प्रस्ताव दाखल करते समय रखे गए मुद्दे कानून की व्यवस्था के अनुसार उपाय के रूप में उपलब्ध हैं। इनमें से कुछ मुद्दे न्यायप्रविष्ठ रहने से इन मुद्दों पर उचित प्राधिकारी के पास अर्जी करनी होगी। पांच संचालकों को बैंक के सदस्य व प्रतिनिधियों ने चुनकर दिया है। कार्यालय को प्राप्त अविश्वास प्रस्ताव की जांच करने पर पाया गया कि जिन पांच संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया, उन पांच संचालकों को अविश्वास लानेवाले 14 संचालकों ने चुनकर नहीं दिया। इस कारण वे अविश्वास नहीं ला सकते।
कानूनी व्यवस्था के तहत लिया निर्णय : जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के पंाच संचालकों के खिलाफ 12 फरवरी को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। लेकिन कानून की व्यवस्था के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव में दर्ज आरोप का अवलोकन कर प्रस्ताव को रद्द किया गया है। मंगलवार को इसकी जानकारी बैंक भेजी गई, जो उन्हें प्राप्त हो गई है। - शंकर कुंभार, जिला उपनिबंधक, अमरावती
Created On :   22 Feb 2024 9:21 AM GMT