- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- अमरावती
- /
- बड़े भाई की पार्टी से खफा आनंदराज...
राजनीति: बड़े भाई की पार्टी से खफा आनंदराज आंबेडकर के मैदान से हटने की घोषणा करते ही ‘वंचित’ राजी!
- एक-दूसरे के समर्थन की उलझन में फंसे आंबेडकर व ‘वंचित’
- अब छोटे भाई आनंदराज की करनी पड़ रही मान-मनौव्वल
- कांग्रेस से नहीं हो पाया गठबंधन
डिजिटल डेस्क, अमरावती। भाजपा को सत्ता से दूर रखने सर्व प्रथम महाविकास आघाड़ी से हाथ मिलाने का प्रयास करने वाले वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने चुनाव से दो माह पहले सांयस्कोर मैदान पर एक भव्य सभा को संबोधित करते हुए अमरावती लोकसभा सीट पर दावेदारी ठोकी थी, लेकिन कांग्रेस से गठबंधन नहीं हो पाने पर वंचित बहुजन आघाड़ी की उम्मीदवार के रूप में प्राजक्ता पिल्लेवान का नाम घोषित कर दिया। इसी बीच दो दिन पहले रिपब्लिकन सेना के प्रमुख आनंदराज आंबेडकर ने अमरावती लोकसभा सीट से नामांकन भरा। उन्हें वंचित के समर्थन की आस थी। बुधवार शाम तक दोनों एक-दूसरे के समर्थन की राह ताकते रह गए।
आखिरकार वंचित के कड़े रूख से व्यथित होकर आनंदराज आंबेडकर ने चुनाव मैदान से हटने की घोषणा कर दी। गुरुवार को उनकी घोषणा के बाद वंचित बहुजन आघाड़ी उन्हें समर्थन देने राजी हुई। चुनाव से वंचित न रह पाए। इसके लिए अब आनंदराज को मनाने की जुगत चल रही है। वंचित बहुजन आघाड़ी के सर्वेसर्वा एड. प्रकाश आंबेडकर के सगे छोटे भाई आनंदराज आंबेडकर पिछले कई दिनों से अमरावती लोस क्षेत्र का दौरा कर तैयारी कर रहे हैं, लेकिन बड़े भाई की वंअबा ने पिछले सप्ताह प्राजक्ता पिल्लेवान को उम्मीदवारी घोषित की। जिसके दूसरे दिन आनंदराज आंबेडकर भी मैदान में उतरे। आनंदराज का कहना था कि वंबआ ने यहां उम्मीदवार खड़ा न करते हुए उन्हें समर्थन देना चाहिए। इस दिशा में आनंदराज ने अपने प्रयास भी शुरू किए। किंतु बुधवार देर शाम तक वंचित की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर बुधवार 3 को रिपब्लिकन सेना के आनंदराज ने चुनाव मैदान से हटने की घोषणा की। उनकी इस घोषणा के बाद एड. प्रकाश आंबेडकर के आदेश पर वंचित के युवक प्रदेशाध्यक्ष नीलेश विश्वकर्मा ने गुरुवार को ताबड़तोब प्रेस बयान जारी कर आनंदराज को समर्थन देने की पेशकश करते हुए पिल्लेवान का पर्चा दाखिल नहीं किया।
क्या कहा आनंदराज ने : 3 अप्रैल को आनंदराज आंबेडकर ने एक पत्र जारी किया। जिसमें उन्होंने अमरावती के संविधान प्रेमी जनता से कहा कि संघ प्रणीत भाजपा सरकार ने संविधान बदलने का निश्चय किया है। उसे संवैधानिक जवाब देने अमरावती से मैंने उम्मीदवारी निश्चित की थी। इस संदर्भ में संविधान प्रेमी सामाजिक संस्था, राजनीतिक दलों से समर्थन मिला। समर्थन के लिए वंचित बहुजन आघाड़ी को तीन दिन पहले पत्र लिखा। वंचित ने अनेक जगहों पर समर्थन घोषित किया है। 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह इस चुनाव में वोटों का विभाजन न हो, इस कारण मेरी कोअर कमेटी के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं की सलाह पर मैंने चुनावी मैदान से हटने का निर्णय लिया है।
वंचित समर्थन घोषित करेगा : इसी बीच वंचित बहुजन आघाड़ी की प्रदेशाध्यक्ष रेखा ठाकुर ने 4 अप्रैल को आनंदराज आंबेडकर को पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने कहा कि अमरावती से आपने उम्मीदवारी दाखिल की है। आपकी उम्मीदवारी को वंचित बहुजन आघाड़ी समर्थन घोषित करेगी और वंचित ने घोषित किया हुआ उम्मीदवार आवेदन नहीं भरेगा। ऐसा आपको पार्टी की ओर से और स्थानीय पदाधिकारियों ने आश्वस्त किया था और वंचित बहुजन आघाड़ी ने घोषित किए उम्मीदवार को नामांकन न भरने की सूचना दी है। इसी कारण वंचित ने भी अमरावती लोकसभा से उम्मीदवारी घोषित नहीं की।
Created On :   5 April 2024 5:00 PM IST