राजनीति: अमरावती के धामणगांव रेलवे विस से लड़ेगा कौन? कांग्रेस या उबाठा सेना

  • भाजपा के कब्जे में है निर्वाचन क्षेत्र
  • धामणगांव रेलवे निर्वाचन क्षेत्र में तीन तहसीलें हैं शामिल
  • तीनों तहसीलों में बेरोजगारी ही सबसे बड़ा प्रश्न

डिजिटल डेस्क, अमरावती । वर्धा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रत्याशी अमर काले को 14000 वोटों की बढ़त देने वाले धामणगांव रेलवे विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र को लेकर महाविकास आघाड़ी में खींचातानी की स्थिति बनते देखी जा रही है। यहां से लगातार दो बार विधायक रहे कांग्रेस के प्रा. वीरेंद्र जगताप को वर्ष 2019 में भाजपा उम्मीदवार प्रताप अडसड ने 9,519 वोटों के अंतर से परास्त कर पहली बार विधानसभा में प्रवेश करने में सफलता पाई थी।

अब वर्ष 2024 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रताप अडसड के विरोध में कांग्रेस लड़ती है या फिर उबाठा शिवसेना। इसको लेकर पेंच निर्माण हो गया है। क्योंकि उबाठा शिवसेना में प्रवेश कर चुके जिला परिषद के पूर्व सदस्य अभिजीत ढेपे पाटील धामणगांव रेलवे विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की जोरदार तैयारियों में जुट गए है। जिससे कांग्रेस की यह परंपरागट सीट पर मशाल जलती है या फिर पंजे के ही कब्जे में रहती है। यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा। लेकिन फिलहाल ढेपे पाटील की निर्वाचन क्षेत्र में बढ़ती सक्रियता ने वीरेंद्र जगताप के समर्थकों में बेचैनी देखी जा रही है। क्या प्रवेश के समय ढेपे पाटील को धामणगांव सीट देने का वादा हुआ है?

बिगाड़ा था खेल : पिछले विधानसभा चुनाव-2019 में वंचित बहुजन आघाड़ी प्रत्याशी नीलेश विश्वकर्मा ने 23,779 वोट लेकर तीसरा स्थान काबिज करते हुए कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा दी थी। जिसके कारण भाजपा प्रत्याशी प्रताप अडसड का मार्ग प्रशस्त होकर पहले ही विधानसभा चुनाव में बाजी मार ली थी। लोकसभा चुनाव में वंचित के साथ महाविकास आघाड़ी का समझौता नहीं हो सका। लेकिन अब विधानसभा में भी गठजोड़ नहीं होता है तो फिर एक बार नीलेश विश्वकर्मा वंचित की टिकट पर मैदान में उतरने के लिए तैयारी कर रहे है।

क्या कहते हैं लोग : धामणगांव रेलवे निर्वाचन क्षेत्र में तीन तहसीलों का समावेश है। जिसमें धामणगांव रेलवे, चांदूर रेलवे व नांदगांव खंडेश्वर। लोकसभा चुनाव में धामणगांव रेलवे विस क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रामदास तडस को लीड नहीं मिली। तीनों तहसीलों में बेरोजगारी ही सबसे बड़ा प्रश्न है। स्वयं रोजगार की दिशा में भी कोई जनप्रतिनिधि फोकस नहीं कर पा रहा है। लोगों का यह भी कहना है कि चुनाव लड़ने के लिए पार्टियां बदलने वालों को धामणगांव रेलवे निर्वाचन क्षेत्र ने कभी ज्यादा महत्व नहीं दिया। अभिजीत ढेपे पाटील इसके पहले बहुजन समजा पार्टी से किस्मत आजमा चुके है। अब उबाठा शिवसेना से खम ठोंक रहे है।

Created On :   23 July 2024 12:57 PM IST

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