फरार: बाल सुधारगृह के शौचालय से भागा नाबालिग , पहले भी यहां से भाग चुके हैं कई बच्चे

बाल सुधारगृह के शौचालय से भागा नाबालिग , पहले भी यहां से भाग चुके हैं कई बच्चे
  • हत्या के प्रयास का है आरोपी
  • टीन शेड तोड़कर हुआ फरार
  • वार्डन ने पुलिस में दी शिकायत

डिजिटल डेस्क, अमरावती। फ्रेजरपुरा के रुक्मिणी नगर स्थित बाल सुधारगृह में विविध मामलों में नामजद हुए नाबालिगों को रखा जाता है, लेकिन मंगलवार की रात शौचालय से टीन शेड तोड़कर एक नाबालिग भाग निकला। देर रात ड्यूटी पर तैनात वार्डन राजू मोतीराम सावले को इसकी भनक लगते ही फ्रेजरपुरा थाने में शिकायत की गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर फरार नाबालिग की तलाश शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार बाल सुधारगृह में मंगलवार की रात एक कमरे में 9 बालक और बाल कल्याण समिति के कमरे में 12 बालक थे। ड्यूटी पर तैनात सावले ने रात 11 बजे जांच की तो बाल कल्याण समिति में केवल 12 बालक पाए गए। जहां हत्या के प्रयास के मामले में नाबालिग शौचालय के टीन शेड तोड़कर भाग निकला था। इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गईं। मामला थाने में पहुंचा। पुलिस ने फिलहाल मामला दर्ज कर लिया है। बता दें कि इसके पहले भी बाल सुधारगृह से 4 से 5 बार नाबालिग भागने के मामले सामने आ चुके हैं। जिसे लेकर नाबालिगों की सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान उठ रहे हैं।

खोलापुरी गेट से फर्जी महिला डॉक्टर गिरफ्तार : खोलापुरी गेट में अरीहंत सुजोग एक्यूपंचर नैचरोपैथी क्लीनिक चलाई जा रही थी। मंगलवार की रात महाराष्ट्र कौन्सिल ऑफ इंडियन के डॉक्टर व खोलापुरी गेट पुलिस ने संयुक्त छापामार कार्रवाई की। जहां जांच करने पर बिना डिग्री व डिप्लोमा के खुद को डॉक्टर बताकर अस्पताल की दुकानदारी चलाने वाली फर्जी महिला डॉक्टर का पर्दाफाश किया गया । पुलिस ने डॉ फिरोज खान असद खान की शिकायत पर फर्जी महिला डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर हिरासत में लिया है। महाराष्ट्र कौन्सिल ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों को संबंधित क्लीनिक के संदर्भ में शिकायत मिलने पर मंगलवार की रात डॉ. फिरोज खान, डॉ. रूपेश खडसे, डॉ. निसार खान खाेलापुरी गेट पुलिस को लेकर अस्पताल पहुंचे। तब अस्पताल के सामने क्लीनिक फलक लगा हुआ था।

जिस पर लिखा था की गर्दन का दर्द, नसों का दुखना, कमर दर्द, गैप, फैक्चर या ऑपरेशन के बाद वाले जख्म, घुटनों का दर्द आदि बीमारियांे का इलाज किया जाता है, लेकिन महिला डॉक्टर के पास किसी भी तरह की डिग्री नहीं थी। पूछताछ करने पर महिला ने बताया कि सिर्फ इंटरनेशलन सुजोग एसोसियशन अंतर्गत सुजोग थेरेपी इंडक्शन बेसिक कोर्स किया है। जबकि किसी भी तरह की डिग्री अथवा डिप्लोमा नहीं किया। क्लीनिक से सामग्री बरामद हुई है।

Created On :   25 July 2024 11:28 AM IST

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