फ्रॉड: 5.94 करोड़ का गबन, यवतमाल बैंक के दो मैनेजरों पर जालसाजी का मामला दर्ज

5.94 करोड़ का गबन,  यवतमाल बैंक के दो मैनेजरों पर जालसाजी का मामला दर्ज
  • चार साल पहले पुलिस ने नहीं किया था मामला दर्ज, तब कंपनी पहुंची कोर्ट
  • अदालत के आदेश पर चारसौबीसी का मामला दर्ज
  • पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर उठाए सवाल

डिजिटल डेस्क, अमरावती। यवतमाल नागरिक सहकारी बैंक की अमरावती शाखा के व्यवस्थापक और बैंक के प्रादेशिक व्यवस्थापक के खिलाफ 5 करोड़ 94 लाख 18 हजार रुपए का गबन किये जाने का मामला दर्ज होने से बैंकिंग क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। राजापेठ पुलिस ने अदालत के आदेश पर चारसौबीसी का मामला दर्ज किया है। विशाखापट्टनम की के. कुमार राजा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संचालक डॉ. के. कुमार राजा की शिकायत पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है।

जानकारी के अनुसार विशाखापट्टनम के राजा प्रोजेक्ट के प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को नागपुर विभाग द्वारा वरोरा विभाग के लिए महावितरण द्वारा कामों का ठेका दिया गया था। उन कामों को लेकर आर्थिक व्यवहार के लिए कंपनी व्यवस्था पर डॉ. के कुमार राजा ने साल 2016 में राजापेठ थाना क्षेत्र के भोंदू कॉम्प्लेक्स स्थित यवतमाल नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड की अमरावती शाखा में खाता खोला था। जहां महावितरण द्वारा खाते में निकाले गए बिल की रकम जमा की गई थी। लेकिन वर्ष 2018 से बैंक के तत्कालीन शाखा व्यवस्थापक द्वारा संबंधित कंपनी का व्यवहार रोक दिया गया। तब कंपनी व्यवस्थापक पर डॉ. राजा ने बैंक में जमा रकम को लेकर विवरण पत्र मांगा था। परंतु अमरावती व मुख्य शाखा यवतमाल के व्यवस्थापक ने विवरण पत्र देने से आनाकानी की।

इस संदर्भ में महावितरण कंपनी को संबंधित खाते में बाकी की रकम डालने से मना किया। बार-बार बैंक की शाखा में पत्र व्यवहार किया गया, लेकिन किसी तरह का जवाब नहीं मिलने से महावितरण द्वारा कंपनी के खाते में 5 करोड़ 94 लाख 18 हजार रुपए की रकम गबन करते हुए दोनों ने संबंधित कंपनी द्वारा बैंक खाता खोलने के लिए दिए गए दस्तावेजों को फर्जी बताया।

इस संदर्भ में कंपनी के व्यवस्थापक ने 4 साल पहले राजापेठ थाने में बैंक व्यवस्थापकों के खिलाफ शिकायत की थी। लेकिन पुलिस थाने में शिकायत न लेने से कंपनी के व्यवस्थापक ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अदालत के आदेश पर मंगलवार 23 जुलाई को यवतमाल नागरिक सहकारी बैंक की अमरावती शाखा के व्यवस्थापक और तत्कालीन प्रादेशिक व्यवस्थापक के खिलाफ धारा 409, 420, 465, 468, 471 के तहत राजापेठ पुलिस ने मामला दर्ज किया गया है।

किसी दूसरी कंपनी के खाते में ट्रान्सफर की थी रकम : डॉ के कुमार राजा कंपनी द्वारा बैंक के व्यवस्थापक को बार-बार विवरण पत्र की मांग किये जाने के बाद भी कोई उत्तर नहीं दिया गया। जिससे विशाखापट्टनम की इस कंपनी को बैंक की गतिविधियों पर संदेह हुआ। जांच में पता चला कि बैंक व्यवस्थापकों ने मेसर्स उर्जा मल्टी सर्विसेस एण्ड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से मिलीभगत की। जिसके बाद 5 करोड़ 94 लाख रुपए की रकम सर्स उर्जा मल्टी सर्विसेस एण्ड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खाते में ट्रान्सफर कर दी। तब विशाखापट्टनम की कंपनी को पता चला कि उसके साथ बैंक के व्यवस्थापकों ने मिलकर करोड़ों की धोखाधड़ी की।

Created On :   24 July 2024 10:42 AM IST

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