Gul Makai Review: अच्छा सब्जेक्ट लेकिन पर्दे पर विफल रही फिल्म, कई जगहों पर करती है बोर
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। जवानी जानेमन के साथ, एच.ई. अमजद खान के निर्देशन में बनी फिल्म गुल मकई भी आज सिनेमाघरों में रिलीज हुई। फिल्म में रीमा शेख, अतुल कुलकर्णी, दिव्या दत्ता जैसे कलाकार हैं। यह फिल्म नोबल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई की बायोपिक है। 2 घंटा 12 मिनट की इस फिल्म में मलाला के उस सफर को दिखाया गया है, जब उन्होंने पाक आंतकियों को धूल चटा दी थी। भास्कर हिंदी द्वारा इस फिल्म को 2.5 स्टार दिए जाते हैं। आइए जानते हैं फिल्म के बारे में।
कहानी
फिल्म की कहानी की शुरुआत उस जगह से होती है, जहां मलाला (रीमा शेख) रहती है। तालिबानी दशहगर्दों उस इलाके में सच्चे मुसलमान की कुछ शर्तें निर्धारित करते हैं। उन शर्तों में एक शर्त यह भी है कि लड़कियों को शिक्षा प्राप्त नहीं करनी चाहिए। बस... इस बात से मलाल चिढ़ जाती है और अपने हक को पाने के लिए पूरी कोशिश करती है। यही से फिल्म की कहानी को एक नया मोड़ मिलता है, जिसे जानने के लिए आपको सिनेमाघर जाना होगा।
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निर्देशन
अपनी फिल्म के लिए अमजद खान ने काफी अच्छा सब्जेक्ट चुना, लेकिन मलाला की कहानी को सही ढंग से पेश नहीं कर पाएं। उनका निर्देशन कहीं कहीं पर बहुत कमजोर नजर आया। जिन परिस्थितियों में मलाला ने लड़ाई लड़ी, उसे पर्दे पर दिखा पाने और उसके जज्बातों को सही से उकेर पाने में निर्देशक पूरी तरह विफल रहे हैं।
एक्टिंग
दिव्या दत्ता और अतुल दोनों ही उम्दा कलाकार हैं। लेकिन निर्देशक उनकी कला का बखूबी उपयोग नहीं कर पाए। रीमा शेख ने मलाला के किरदार को निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन इसके बावजूद उनकी अदाकारी कई जगह फीकी लगी।
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रिव्यू
फिल्म की कहानी जिस सब्जेक्ट पर आधारित है। उसके अनुसार उसे काफी बेहतर बनाया जा सकता था। कई जगह पर फिल्म बहुत बोर करती है।
क्यों देखें
यह एक मोटिवेशनल स्टोरी है। आपको मलाला की जिंदगी और उनके सफर को जानना चाहिए। इसलिए एक बार यह फिल्म जरुर देखें।
Created On :   31 Jan 2020 2:43 PM IST